आज भारत में गुरू नानक देव जी की 553वीं जयंती मनाई जा रही है. सिख धर्म में गुरु नानक देव जयंती (Guru Nanak Dev Jayanti) का बहुत बड़ा महात्मय है. आपको बता दें कि गुरू नानक जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले सिख गुरु थे. हिंदू कैलेंडर के अनुसार उनकी जयंती कार्तिक पूर्णिमा के दिन भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर में मनाई जाती है.
गुरु नानक देव जी की जयंती के शुभ अवसर पर, मैं सभी देशवासियों, विशेष रूप से सिख समुदाय के भाइयों-बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। आइए, हम सब गुरु नानक देव जी के बताए ‘नाम जपो, किरत करो, वंड छको’ के मार्ग पर चलें और अपने आचरण में उनकी शिक्षाओं का पालन करें।
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 19, 2021
गुरु नानक जयंती को प्रकाश उत्सव या गुरु परब भी कहा जाता है. गुरु नानक देव जी का जन्म लाहौर के पास राय भोई की तलवंडी जिसे अब नानकाना साहिब कहा जाता है, वहीं 15 अप्रैल 1469 में हुआ था. सिख धर्म में गुरु नानक जयंती उत्सव पूर्णिमा दिवस से दो दिन पहले शुरू हो जाता है. इस उत्सव में अखंड पाठी, नगर कीर्तन जैसे अनुष्ठान शामिल हैं.
On the special occasion of the Parkash Purab of Sri Guru Nanak Dev Ji, I recall his pious thoughts and noble ideals. His vision of a just, compassionate and inclusive society inspires us. Sri Guru Nanak Dev Ji’s emphasis on serving others is also very motivating.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2021
गुरु नानक देव ने मानव जीवन की सारी कठिनाइयों, अरुचियों, प्रवृत्तियों को प्रामाणिक शिक्षा एवं उपदेश देकर उनके निजी, सामाजिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक जीवन को परिपक्व बनाया है. नानक देव जी ने भाईचारा, एकता, जातिवाद को मिटाने और जीवन को सफल एवं अच्छा बनाने के लिए कुछ जरूरी उपदेश दिए थे.
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गुरु नानक देव जी के यह 10 उपदेश आपको जीवन में हमेशा आगे बढ़ने के लिए मदद करेंगे:
- ईश्वर सर्वत्र विद्यमान है. ईश्वर एक है. हम सबके पिता ईश्वर ही है इसलिए सबके साथ प्रेम पूर्वक रहना चाहिए.
- किसी भी तरह के लोभ को त्याग देना चाहिए. अपने हाथों से मेहनत कर एवं न्यायोचित तरीकों से धन का अर्जन करना चाहिए.
- कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए. ईमानदारी से कमाना चाहिए और ज़रूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए.
- धन को मन और हृदय में स्थान नहीं बनाने देना चाहिए और जेब तक ही सीमित रखना चाहिए.
- गुरु नानक देव जी सभी स्त्री और पुरुष को एक समान मानते थे. वे हमेशा स्त्री का आदर करना चाहिए, ये उपदेश देते थे.
- संसार को जीतने से पहले स्वयं अपने विकारों पर विजय पाना अति आवश्यक है.
- तनाव मुक्त रहकर अपने कर्म को निरंतर करते रहना चाहिए तथा सदैव प्रसन्न भी रहना चाहिए.
- गुरु नानक देव पूरे संसार को एक घर मानते थे और संसार में रहने वाले लोगों को परिवार का हिस्सा.
- अहंकार मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देता अत: अहंकार कभी नहीं करना चाहिए बल्कि विनम्र हो सेवाभाव से जीवन गुजारना चाहिए.
- लोगों को एकता, प्रेम, समानता, भाईचारा और आध्यत्मिक ज्योति का संदेश देना चाहिए.
आज राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी समेत बाकी नेताओं ने दी भारतीय और विदेश में रहने वाले भारतीय सिखों को गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं.
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