16 सितंबर 2021 की तारीख एक ऐसी तारीख रही जिस दिन डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने गुजरात के कच्छ में स्थित मुंद्रा पोर्ट से भारी मात्रा में हेरोइन जब्त की. हेरोइन जब्त होने के कुछ समय बाद इसकी ख़बर सामने आई, चूंकि मुद्रा पोर्ट को अभी अडानी ग्रुप (Adani Group) संचालित कर रहा है, इसलिए गौतम अडानी के नाम की चर्चा तेज हो गई, अब पांच दिन बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) की ओर से इस मामले पर एक बयान जारी किया गया है. पहले पढ़िए अडानी ग्रुप ने क्या कहा है उसके बाद पूरी कहानी समझेंगे.
अडानी ग्रुप (Adani Group) की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि 16 सितंबर को डीआरआई और सीमा शुल्क के संयुक्त अभियान में अफगानिस्तान से आए दो कंटेनर से भारी मात्रा में हेरोइन पकड़ी गई. हम अवैध ड्रग्स और आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम का शुक्रिया अदा करते हैं. अडानी ग्रुप ने आगे लिखा कि देश में कोई भी पोर्ट ऑपरेटर कंटेनर की जांच नहीं कर सकता, वह सिर्फ बंदरगाह को ऑपरेट कर सकता है, ऐसे में उम्मीद है कि इस बयान से सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा दुर्भावनापूर्ण और झूठा प्रचार खत्म हो जाएगा.
Media statement on the malicious social media campaign against the Adani Group on the seizure of illegal drugs at Mundra Port. pic.twitter.com/z4gutdzKyK
— Adani Group (@AdaniOnline) September 21, 2021
3 हजार किलो हेरोइन बरामद
मतलब अडानी ग्रुप (Adani Group) का कहना है कि उनके पास पुलिस जैसा कोई अधिकारी नहीं है कि कंटेनर चेक किए जा सकें. अब पूरी कहानी पर आते हैं. बताया जा रहा है कि डीआरआई और सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से एक ऑपरेशन चलाया, जिसमें 3 हजार किलो हेरोइन बरामद की गई. जिसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 21 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है, शायद ये भारत में बरामद हेरोइन की ये सबसे बड़ी खेप है.
अफगानिस्तान के रास्ते पहुंची हेरोइन की खेप
बताया जा रहा है कि हेरोइन की इतनी बड़ी खेप अफगानिस्तान से लाई गई थी. अफगानिस्तान के कंधार से होते हुए ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह पर ये खेप पहुंची. जहां से दो कंटेनर में इसे गुजरात के मुंद्रा बंदराग भेजा गया. बता दें कि पहले भी ऐसे कई ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ हो चुका है, जिसमे हजारों किलो हेरोइन बरामद हो चुकी है. अफगानिस्तान के रास्ते ही भारत में हेरोइन की ज्यादातर सप्लाई होती है.
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हेरोइन से होती है तालिबान की कमाई
इतनी भारी मात्रा में हेरोइन के पकड़े जाने के बाद ये माना जा रहा है कि यह तालिबानियों की फंडिंग का जरिया था. दरअसल अफगानिस्तान पूरी दुनिया के 80 फीसदी हेरोइन का सप्लाई करता है. जिन इलाकों में अफीम और हेरोइन का उत्पादन होता था वहां तालिबान का ही कब्जा था और अब तो पूरे अफगानिस्तान में तालिबान का राज है. ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि तालिबान अपनी फंडिंग के लिए मादक पदार्थों की सप्लाई पर जोर दे रहा है. हालांकि भारतीय अधिकारियों ने तस्करों के साजिश को बेनकाब करते हुए हजारों करोड़ की हेरोइन बरामद कर ली.
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