Amrish Tyagi Soldier: करीब 16 साल पहले 2005 में शहीद सैनिक अमरीश त्यागी अपने तीन और साथियों के साथ उत्तराखंड की हिमालय की चोटी पर ध्वजारोहण कर लौट रहे थे, तभी वो अपने तीनों साथियों के साथ गहरी खाई में गिर गए थे। उस समय सेना ने रेस्क्यू करके तीन सिपाहियों के पार्थिव शरीर को तो निकाल लिया था मगर तमाम कोशिशों के बावजूद अमरीश (Amrish Tyagi Soldier) का पार्थिव शरीर नहीं मिल पाया था। लेकिन अब 16 साल के बाद उनका पार्थिव शरीर बर्फ में दबा हुआ मिला है। जिसके बाद मंगलवार को सैनिक सम्मान के साथ शहीद अमरीश त्यागी का मुरादनगर के हिसाली गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
1995 में सेना भर्ती हुए थे अमरीश त्यागी:
बता दें शहीद अमरीश त्यागी साल 1995 में सेना में भर्ती हुए थे। चार साल में कई जगह उनका तबादला हुआ, उसके बाद 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान उनको लेह लद्दाख में तैनात कर दिया था। बिहार रेजिमेंट में उनकी बहादुरी के काफी किस्से भी सुनने को मिलते थे। हिसाली गांव के अमरीश त्यागी सेना की ऑर्डिनेंस कोर में नायक थे। अमरीश हिमालय की सबसे ऊंची चोटी पर कई बार तिरंगा भी फहरा चुके थे। अंतिम बार भी वो 2005 में उत्तराखंड की हिमालय की चोटी पर ध्वजारोहण करके लौटते समय हादसे का शिकार हो गए।
उत्तराखंड में हुआ था हादसा:
अपने बेटे के पार्थिव शरीर को देखने की आस में परिवार वालों ने करीब 16 साल गुजार दिए। इस दौरान उनकी माता और पिता का निधन हो गया। वहीं उनकी बेटी ने अपने शहीद पिता का शव 16 साल बाद देखा। जब पिता शहीद हुए थे, तब वह गर्भ में थी। इस गमगीन माहौल में सभी की आँखें नम हो गई। जसे ही पार्थिव शरीर हिसाली गांव पहुंचा तो पूरा इलाका भारत मां की जय के नारे से गूंज उठा। अपने लाडले की अंतिम विदाई में काफी जुटी थी, मेरठ हाइवे पर करीब 3-4 घंटे तक जाम की स्थिति बन गई।
हवाई जहाज से सबसे ज्यादा ऊंचाई से कूदकर किया था सभी हैरान:
बता दें शहीद अमरीश त्यागी के गांव में उनके बहादुरी के किस्से आज भी लोगों के जेहन में है। अमरीश का हवाई जहाज से सबसे ज्यादा ऊंचाई से कूदने के मामले में देशभर में नाम कमाया था। अमरीश ने साल 2005 में सियाचिन पर झंडा फहरा चुके थे। लेकिन वापस लौटते समय बर्फीला तूफ़ान आ गया जिससे हर्षिल क्षेत्र में हादसा गया और शहीद अमरीश अपने 3 अन्य जवानों के साथ खाई में गिर गए। 23 सितंबर को सेना का एक पर्वतारोही दल उसी रूट से निकल रहा था। एक खाई में सैन्य वर्दी में पर्वतारोही दल को जो शव उसे गंगोत्री पोस्ट पर सेना के हवाले कर दिया। जांच में वह शव अमरीश त्यागी का निकला।
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