ट्विटर पर टोप लिस्ट में ट्रेंड कर रहा #BCCI_Promotes_Halal पर अब BCCI के ट्रेजरार यानि कोषाध्याक्ष अरुण धूमल (Arun Dhumal) ने मंगलवार रात को चुप्पी तोड़ी. मीडिया रिपोर्ट्स और ट्विटर में BCCI पर यह आरोप लगाया गया था कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को केवल हलाल मांस खाने की इजाजत है और बीफ, पोर्क मांस पर बैन लगा दिया गया है. फिर BCCI के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि खिलाड़ी जो चाहें खाने के लिए स्वतंत्र हैं.
भारत और न्यूजीलैंड के बीच कानपुर में पहले टेस्ट से पहले, भारतीय टीम के लिए आहार संबंधी सिफारिशों पर विवाद छिड़ गया क्योंकि खिलाड़ियों को कथित तौर पर केवल ‘हलाल’ मांस खाने की अनुमति थी. यह विषय जल्द ही सोशल मीडिया पर बहस का एक बड़ा विषय बन गया और अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है.
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अफवाहों के अनुसार, खिलाड़ियों को किसी भी तरह से बीफ और पोर्क नहीं खाने का निर्देश दिया गया था, जबकि अन्य तरह के मांस को केवल ‘हलाल’ रूप में अनुमति दी गई थी. प्रश्न उठाए गए कि भोजन के विकल्प पर ऐसी सिफारिशें कैसे की जा सकती हैं. BCCI के ट्रेजरर धूमल ने कहा कि इस मामले में BCCI की कोई भूमिका नहीं है क्योंकि भोजन के विकल्प हमेशा व्यक्ति की पसंद के अनुसार रहते हैं.
“इस (आहार योजना) पर कभी चर्चा नहीं हुई और इसे लागू नहीं किया जाएगा. मुझे नहीं पता कि यह निर्णय कब लिया गया था या, यदि यह था भी या नहीं . जहां तक मुझे पता है, हमने कभी भी आहार योजनाओं से संबंधित कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया. जहां तक खाने की आदतों का सवाल है, यह खिलाड़ियों की व्यक्तिगत पसंद है, इसमें BCCI की कोई भूमिका नहीं है.”
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“यह ‘हलाल’ बात किसी समय किसी खिलाड़ी के फीडबैक पर हुई होगी. उदाहरण के लिए, यदि कोई खिलाड़ी कहता है कि वह गोमांस नहीं खाता है और यदि कोई विदेशी टीम आती है तो भोजन मिश्रित नहीं होना चाहिए. यह हलाल मुद्दा BCCI के ध्यान में कभी नहीं लाया गया है.”
अरुण धूमल ने समाचार एजेंसी IANS से कहा इस विषय पर आगे चर्चा करते हुए कहा कि, “सारी अफवाहें बेबुनियाद हैं. BCCI कभी भी अपने खिलाड़ियों की सिफारिश नहीं करता है कि उनकी खाने की प्राथमिकता क्या होनी चाहिए. वे किस तरह का खाना खाना चाहते हैं, वास्तव में, हमेशा व्यक्ति की पसंद बनी रहती है, चाहे वह मांसाहारी हो या शाकाहारी.”
बता दें कि धूमल ने आगे यह भी जोड़ा कि “BCCI अपने किसी भी खिलाड़ी को सलाह नहीं देता है कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए. खिलाड़ी अपना खाना चुनने के लिए स्वतंत्र हैं. अगर वे शाकाहारी बनना चाहते हैं, यह उनकी पसंद है, अगर वे वेगन बनना चाहते हैं, यह उनकी पसंद है, वे मांसाहारी बनना चाहते हैं या नहीं, यह उनकी पसंद है.”
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