Bharat Biotech Advice: देश की मोदी सरकार ने कोरोना टीकाकरण अभियान को काफी तेज़ी के साथ चलाया है। शहर से लेकर गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य कर्मचारियों घर-घर पहुंचकर इस टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में कोई कमी नहीं आने दी। शुरुआत में कोरोना के टीके को लेकर कई तरह की अफवाह भी उड़ाई गई। लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन अभियान को लगातार तेज़ रफ्तार के साथ बढ़ाया। अब कोरोना वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech Advice) ने कोवैक्सीन की डोज के लिए किशोरों को पैरासिटामोल या पेन किलर की दवा नहीं लेने का सुझाव दिया।
साइड इफेक्ट में बिल्कुल हल्के लक्षण:
दरअसल, इसको लेकर कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने शोध किया। इसके बाद कंपनी ने बयान में इस बात की जानकारी दी कि वैक्सीन की क्लीनिकल ट्रायल के दौरान 30,000 लोगों में से 10 से 20% में साइड इफेक्ट देखने को मिला था। इसमें ज्यादातर साइड इफेक्ट केस में सिर्फ हल्के लक्षण दिखाई दिए। जो एक से दो दिनों में ठीक हो गए और इसके लिए किसी प्रकार की दवा की जरूरत नहीं पड़ी।”
भारत में बच्चों के टीककरण अभियान की शुरुआत:
देश में 18 साल अधिक आयु के करीब 150 करोड़ लोगों के कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। पीएम मोदी ने देश में 15-18 साल के आयु वर्ग के बच्चों के 3 जनवरी से टीकाकरण अभियान की शुरुआत का ऐलान किया था। जिसके बाद से आज चौथे दिन भी अधिक से अधिक बच्चे टीका लगवा रहे है। भारत बायोटेक ने बुधवार को लोगों को कोवैक्सीन की डोज लेने के बाद पैरासिटामोल या पेन किलर की दवा नहीं लेने का सुझाव दिया।
भारत बायोटेक ने अपने बयान में कहीं ये बात:
भारत बायोटेक ने अपने बयान में कहा, “हमें जानकारी मिली है कि कुछ टीकाकरण केंद्रों पर 15 से 18 साल के बच्चों को कोवैक्सीन की डोज देने के बाद पैरासिटामोल की गोलियां लेने को कहा जा रहा है। हमारी तरफ से कोवैक्सीन का टीका लगने के बाद कोई पैरासिटामोल या पेन किलर्स दवा लेने की सलाह नहीं दी जाती है।”
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