BJP Nishad Party Alliance: यूपी विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बाकी रह गए है। शुक्रवार को यूपी की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने बड़ा दांव खेला है। आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने निषाद पार्टी के साथ गठबंधन (BJP Nishad Party Alliance) का एलान कर दिया है। इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री व उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने की। इस मौके पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और भाजपा के यूपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी साथ मौजूद रहे।
बीजेपी का निषाद पार्टी के साथ गठबंधन:
लखनऊ में भाजपा और निषाद पार्टी की एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में इसकी घोषणा की गई। प्रेस कांफ्रेंस में यूपी भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ”बीजेपी का निषाद पार्टी के साथ गठबंधन है। हम 2022 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ”उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए अपना दल भी होगा भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है।” इसके बाद भाजपा के अध्यक्ष ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा कि ”अगला विधानसभा चुनाव सीएम योगी के के नेतृत्व में निषाद पार्टी को साथ लेकर लड़ा जाएगा।
हमारी पार्टी किसी भी पार्टी में विलय नहीं करेगी: संजय निषाद
इसके बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भी इस पर अपना समर्थन देते हुए कहा कि ”हमारी मांगों पर आज भाजपा के यूपी चुनाव प्रभारी और यूपी भाजपा के अध्यक्ष से चर्चा हुई है। अगले चुनाव में निषाद पार्टी भी मैदान में उतरेगी। लेकिन हमारी पार्टी किसी भी पार्टी में विलय नहीं करेगी, निषाद पार्टी अलग से अपने पार्टी चिन्ह से चुनाव लड़ेगी।
निषाद वोटों का है दबदबा:
यूपी चुनाव में जातिगत वोटों की राजनीति काफी अहम मानी जाती है। जब भी यूपी में चुनाव आते है तो सभी पार्टियां जातिगत समीकरण साधना शुरू कर देती है। अगर यूपी में जातिगत वोटों की बता करें तो यूपी में निषाद वोटों का भी काफी प्रभाव माना जाता है। यूपी में निषाद, मल्लाह और कश्यप वोट बैंक करीब 14 फीसदी है निषाद गंगा के किनारे वाले सीमावर्ती इलाकों में बसी एक प्रमुख उपजाति है। अब यूपी में निषाद पार्टी को साथ लेकर भाजपा ने बड़ा दांव खेला है।
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