अगले साल की शुरुआत में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों के कई नए समीकरण बनने और बिगड़ने वाले हैं. हाल ही में पंजाब कांग्रेस में राजनीतिक हलचल देखने को मिली थी जिसके बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर (Captain Amrinder Singh) ने सीएम पद से इस्तीफा देते हुए पार्टी की अंदुरूनी कलाह को जाहिर किया था इसके बाद कांग्रेस ने नए मुख्यमंत्री के नाम पर तो मुहर लगा दी. लेकिन कैप्टन इतनी आसानी से चुप बैठने वाले नहीं हैं.
लागातर ये कयास लगाए जा रहें हैं, कि कैप्टन अमरिंदर बीजेपी के साथ सहयोग कर आगामी चुनाव में साथ नजर आ सकते हैं. कैप्टन की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद इस बात की चर्चाएं भी जोर पकड़ने लगी थी कि दोनों पार्टियां जल्द से जल्द गठबंधन कर कांग्रेस के खिलाफ माहौल बना सकती हैं.
इसी कड़ी में एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चाएं सुर्खियां बटौर रही हैं. वो इसलिए क्योंकि जैसे ही पीएम मोदी ने आज राष्ट्र के नाम 11वें संबोधन में कृषि कानूनों को वापिस लेने की बात कही वैसे ही कैप्टन अमरिंदर (Captain Amrinder Singh) सिंह ने एक बड़ा एलान कर दिया. हाल ही में नई पार्टी बनाने का एलान करने वाले कैप्टन ने कहा कि उन्हें बीजेपी का साथ सीट शेयर करने में कोई गुरेज नहीं हैं.
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जब कैप्टन अमरिंदर से नई पार्टी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए साफ कहा कि ‘मुझे बीजेपी के साथ जाने में कोई गुरेज नहीं है’. लेकिन मेरी पहली शर्त थी कि सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापिस लेने चाहिए.
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाए जाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं. कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीजेपी में शामिल होने की राह में सबसे बड़ी बाधा ये कृषि कानून ही थे. लेकिन अब सरकार द्वारा इन कानूनों को वापिस ले लिया गया है जिसके बाद से ये साफ होता नजर आ रहा है कि अमरिंदर सिंह आगामी चुनाव के लिए बीजेपी का सहारा ले सकते हैं.
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