चैत्र नवरात्रि(Chaitra Navratri 2022) की शुरुआत 2 अप्रैल से होने वाली है. ऐसे में अगर आप माता रानी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इन नौ दिनों में आपको माता रानी की उपासना करनी चाहिए, हालांकि ये भी ख्याल रखना चाहिए कि इस दौरान आपको क्या करना है, उनकी उपासना कैसे करने ही, किन बातों पर विशेष ध्यान रखना है.
साल में होती है चार नवरात्रि
जानकारी के लिए आपको बता दें कि हर वर्ष चार नवरात्रि(Navratri) होती है, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि तो वहीं एक शारदीय और दूसरी चैत्र नवरात्रि(Chaitra Navratri) होती है. अगर आप नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं, कलश स्थापना और दुर्गा पाठ करने या सुनने का विचार बनाया है तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखने की जरूरत है. नवरात्रि के दिनों में ये कोशिश करें कि आप ब्राह्मुहूर्त में यानि सुबह 4 बजे से 5 बजे तक उठ जाएं.
ब्रह्मुहुर्त में उठें
कहते हैं कि ब्रह्मुहूर्त में उठकर स्नान करने और पूजा-पाठ करने से भगवान की कृपा बनी रहती है, माता रानी प्रसन्न होती हैं. शुद्ध मन से स्नान के बाद आपको माता रानी का स्मरण करना चाहिए. आम तौर पर लोग एक ही वस्त्र नौ दिनों तक पूजा में इस्तेमाल करते हैं लेकिन अगर आप सक्षम हैं तो माता के अलग-अलग स्वरूप की पूजा-अर्चना के हिसाब से अलग-अलग रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं.
मंदिर की सफाई कर रखें प्रतिमा
नवरात्रि(Chaitra Navratri 2022) के पहले दिन यानि प्रतिपदा तिथि को आपको अपने घर के मंदिर की सही से सफाई करनी चाहिए और फिर लाल वस्त्र बिछाकर ही माता रानी की प्रतिमा रखें. अगर आपके घर में पहले से ही माता रानी की प्रतिमा है या फिर आप नई प्रतिमा लेकर आए हैं तो माता रानी को नई चुनरी ओढ़ाएं. मंदिर में साफ-सफाई और मूर्ति रखने के बाद कलश स्थापना करें.
कलश स्थापना का है विधान
दुर्गा सप्तशती के पाठ(Durga Saptshati) में कलश स्थापना का विशेष महत्व है, कलश के नीचे मिट्टी रखकर उस पर जौ के बीज डालने का भी विधान है, कहते हैं कि जौ के बीज जिस हिसाब से बढ़ते हैं, वैसे ही परिवार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता है, घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. कलश स्थापना करने के बाद जो खास ध्यान देने योग्य बात है वह ये है कि आपको फिर घर को खाली नहीं छोड़ना, रोजाना अखंड ज्योति जलानी है.
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रोजाना करें दुर्गा सप्तशती का पाठ
पहले दिन कलश स्थापना के बाद आपको जल, फूल, पैसा और चावल हाथ में लेकर संकल्प करना है, उसके बाद रोजाना दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, दुर्गा चालीसा का पाठ करें या फिर माता रानी के मंत्रों का जाप करें. विशेष बात ये है कि नौ दिनों तक बिल्कुल भी आप गंदगी न फैलाएं, काला या गहरा नीला रंग का कपड़ा न पहनें, झूठ न बोलें, सत्य आचरण करें, बुजुर्गो-महिलाओं का सम्मान करें और यथासंभव दान करें.
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