कोविड मैनेजमेंट में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले केरल में बीते कुछ दिनों से कोरोना के हजारों मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना संक्रमण की रफ्तार इतनी हो गई है कि बीते एक हफ्ते में ही डेढ़ लाख के पार मामले सामने आए हैं. जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा है कि कहीं ये कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) तो नहीं. बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) को लेकर कई एक्सपर्ट आशंका जता चुके हैं, ऐसे में ये मामले चौंकाने वाले हैं, न सिर्फ रोजाना नए मामलों की संख्या बढ़ रही बल्कि मरने वालों की संख्या भी बढ़ी है. जिसे देखते हुए केरल सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है.
केरल में बीते एक हफ्ते में कोरोना की स्थिति
तारीख | नए मामले | कोरोना से मौत |
22 अगस्त | 10,402 | 66 |
23 अगस्त | 13,383 | 90 |
24 अगस्त | 24,296 | 173 |
25 अगस्त | 31,445 | 215 |
26 अगस्त | 30,077 | 162 |
27 अगस्त | 32,801 | 179 |
28 अगस्त | 31,265 | 153 |
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करीब 70 फीसदी मामले केरल से
बता दें कि 28 अगस्त को देश में कोरोना के 45 हजार 83 नए मामले सामने आए, जिनमें से अकेले 31 हजार 265 मामले केरल से थे. इसके अलावा 28अगस्त को कोरोना से होने वाली मौत की बात करें तो कुल 460 लोगों की मौत हुई जिसमें से केरल से 153 लोगों की मौत हुई. फिलहाल हिन्दुस्तान में एक्टिव केसों का आंकड़ा साढ़े तीन लाख पार कर चुका है. हालांकि राहत की बात ये है कि लोग तेजी से ठीक भी हो रहे हैं.
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कोरोना की तीसरी लहर की आशंका
हालांकि विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) अगले महीने में आ सकती है. कुछ दिन पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनजेमेंट ने पीएमओ को एक रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें बताया गया कि सितंबर और अक्टूबर के बीच में देश में कोरोना की तीसरी लहर की आ सकती है, जबकि नवंबर में कोरोना की तीसरी लहर पीक पर होगी. इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन नेकहा था कि भारत में कोरोना महामारी (Corona) एक तरह से स्थानीयकरण के चरण (Corona Endemic Stage) में प्रवेश कर रही है. जहां निम्न या मध्यम स्तर का संक्रमण जारी रहता है. स्थानीयकरण तब होता है जब कोई आबादी वायरस से निपटना सीखती है. यह महामारी के दौर से बहुत अलग है.
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आबादी पर हावी वायरस
वायरस अब आबादी पर हावी है. यानि भारत के लोगों को इस महामारी (Corona) के साथ जीने की आदत डालनी होगी. एक इंटरव्यू स्वामीनाथन ने कहा कि भारत और देश के विभिन्न हिस्सों में जनसंख्या की विविधता और प्रतिरक्षा की स्थिति को देखते हुए, यह बहुत संभव है कि यह स्थिति उतार-चढ़ाव के साथ जारी रह सके. कोरोना भारत में लंबे समय तक रहेगा.
सतर्क रहने की जरूरत
ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि अभी तक हालत यही रही है कि कोरोना का मामले कम हुए हैं और अचानक से बढ़ने लगे हैं. बीते कुछ समय में कोरोना के मामले कम होने के बाद लोगों में लापरवाही भी बढ़ी है, ऐसे में सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है.
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