क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) का नाम सुनते ही आप समझ गए होंगे कि इसे खरीदना एक फायदे का सौदा रहा है. लेकिन अब ऐसा नहीं रहा, अलग-अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखने को मिली, जिनमें बिटक्वाइन में 15 फीसदी तो वहीं एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में 12 फीसदी गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट के मद्देनजर भारत सरकार इसमें निवेश करने वालों के लिए एक बिल(Cryptocurrency Bill) लाने की तैयारी में जुटी है. जिसके माध्यम से इस पर नियंत्रण रखा जा सकेगा.
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल पेश करेगी सरकार
लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकार सभी तरह के क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी, या फिर कुछ ही क्रिप्टोकरेंसी बैन होंगी. क्योंकि अगर सरकार इसे नियंत्रित करने का विचार बना रही है तो जाहिर सी बात है क्रिप्टोकरेंसी का होना जरूरी है. जानकारी के मुताबिक 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद सत्र में केन्द्र सरकार इससे जुड़ा बिल लेकर आ सकती है. इस सत्र में सरकार कुल 26 बिल पेश करने वाली है, जिनमें से एक क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल(Cryptocurrency Bill) 2021 भी है.
Cryptocurrency bill among 26 new legislations on government's agenda for winter session of Parliament
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— ANI Digital (@ani_digital) November 23, 2021
ऑफिशियल डिजिटल करेंसी लेकर आएगी सरकार
जानने वाली बात ये है कि सरकार एक ऑफिशियल डिजिटल करेंसी(Official Digital Currency) लेकर आ सकती है, जिसका विनियमन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के हाथ में होगा. बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिडनी संवाद में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को गलत हाथों में न जानें दे, इससे युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है. उन्होंने कहा था कि यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसे लेकर एक साथ काम करें. उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार इससे जुड़ा कोई बिल लेकर आ सकती है.
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क्या है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) को आसान भाषा में समझने के लिए आपको इसका मतलब जानना जरूरी है कि आखिर इस शब्द का मतलब क्या है. यह दो शब्दों से मिलकर बना है, क्रिप्टो और करेंसी. क्रिप्टो एक लैटिन शब्द है जिसका मतलब सीक्रेट यानि गुप्त और करेंसी का मतलब तो हम सब जानते ही हैं कि मुद्रा या रुपया. अब चूंकि ये करेंसी दिखाई नहीं देती, इसलिए इसे रेगुलेट करना इतना आसान नहीं है. एक बार को इसमें उछाल देखन को मिलता है तो निवेशकों की संख्या बढ़ जाती है लेकिन गिरावट होने पर निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. फिलहाल करीब 15 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है.
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रुपये या डॉलर की तरह हम इसे छू नहीं सकते सिर्फ महसूस कर सकते हैं, ऐसे में यही क्रिप्टोकरेंसी है. जिसकी लेन-देन की प्रक्रिया पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड है और ब्लॉकचेन पर आधारित है. ब्लॉकचेन(Blockchain) आभासी मुद्रा की दुनिया का एक तकनीकी शब्द है. जिसके जरिए लेन-देन की प्रक्रिया पूरी होती है.
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