दिल्ली दंगे (Delhi Violence) के करीब डेढ़ साल बीत चुके हैं, लेकिन इस मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को कोर्ट अब तक कई बार फटकरार लगा चुका है. इसे लेकर अब आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता आतिशी (Atishi) ने भी दिल्ली पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं.
आतिशी ने कहा कि फरवरी 2020 में दिल्ली ने बहुत ही दर्दनाक दंगों का सामना किया, हम सबने देखा कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में किस तरह दंगे हुए, दिल्ली ने शायद अपने इतिहास में ऐसे दंगे नहीं देखे थे, लेकिन आज डेढ़ साल होने के बाद भी दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने कोई कार्रवाई की है और ना ही सही से जांच की है. बार-बार अलग-अलग कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं. हम ये जानना चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) क्या किसी को इन दंगों में बचा रही है, हर स्तर के कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच पर उठाए हैं.
आतिशी ने कोर्ट की टिप्पणियों का दिया हवाला
आतिशी ने कोर्ट की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि फरवरी 2020 में दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधरन ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि आपने नेताओं के भड़काऊ भाषण पर एक्शन क्यों नहीं लिया. तब पुलिस ने कहा कि हमने तो वीडियोज देखे ही नहीं, तब कोर्ट में वीडियो दिखाए गए.
My PC on the shoddy investigation by the Delhi Police in the Delhi riots cases. Courts repeatedly pulled up the police saying that the investigation ‘has gaping holes’ and ‘no application of mind’
The question is, who is Delhi Police trying to protect?https://t.co/iTt2CnVdmf
— Atishi (@AtishiAAP) September 4, 2021
किसे छिपा रही दिल्ली पुलिस- आतिशी
नवंबर 2020 में भी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ सख्त टिप्पणी की. आतिशी ने ये भी कहा कि कोर्ट ने कहा है कि पुलिस कॉन्स्टेबल को गवाह बनाकर ला रहे हैं तो ऐसा लगता है कि गवाह फर्जी हैं. 750 केस जो दिल्ली दंगे में फाइल हुए हैं, उनमें से सिर्फ 35 केस में चार्जशीट फाइल हुई है. इन मामलों में कोर्ट खुद ये पूछ रहा है कि ये कैसी जांच है. ऐसा लगता है दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच ही नहीं करना चाहती. हम ये पूछना चाहते हैं कि इन मामलों में आप किसे छिपा रहे हैं.
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संजय सिंह ने भी साधा निशाना
वहीं इसे लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने ट्वीट कर लिखा है कि मैं बार-बार कहता हूँ दिल्ली दंगा भाजपा प्रायोजित था. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों (Delhi Riots) की जांच को मजाक बना दिया है. कई मामलों में कोर्ट से फटकार मिलने के बाद भी दिल्ली पुलिस निष्पक्ष जाँच करने को तैयार नही तो कैसे मिलेगा पीड़ितों को न्याय?
दिल्ली दंगे में 53 की मौत
बता दें कि 23 फरवरी से 26 फरवरी तक हुए दिल्ली दंगे (Delhi Violence) में नॉर्थ ईस्ट के कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए. दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट 53 लोगों की मौत हुई, जिसमें 40 मुसलमान और 13 हिंदू थे. इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से कुल 750 एफआईआर दर्ज किए गए, जिसे सार्वजनिक करने से ये कहते हुए इनकार कर दिया गया कि मामला संवेदनशील है. कुछ दिन पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ सख्त टिप्पणी की थी. जिसे लेकर जांच पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
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