तमिलनाडु के कोयंबटूर में वायुसेना की एक महिला अधिकारी के साथ रेप (IAF Officer Rape Case) का मामला सामने आया है, इस मामले के सामने आने के बाद टू फिंगर टेस्ट को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई. राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसे लेकर वायुसेना प्रमुख को पत्र लिखा है. टू फिंगर टेस्ट (Two Finger Test) से पहले ये समझिए कि आखिर पूरा मामला क्या है.
दरअसल तमिलनाडू के कोयंबटूर में एयरफोर्स की ट्रेनिंग ले रही एक महिला अधिकारी ने अपने साथी पर रेप (IAF Officer Rape Case) का आरोप लगाया, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन यहां मामला अधिकार क्षेत्र का हो गया. वायुसेना ने अदालत में याचिका दायर कर कहा कि इस मामले में सिविल पुलिस का अधिकार नहीं बनता, जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी को वायुसेना के हवाले कर दिया.
अब ख़बर है कि आरोपी का कोर्ट मार्शल होगा. पूरा मामला 10 सितंबर का बताया जा रहा है, महिला का आरोप है कि अगले दस दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद उसने महिला पुलिस थाने में शिकायत दी, जिसके आधार पर सिविल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया. महिला का आरोप है कि उसका टू फिंगर टेस्ट (Two Finger Test) किया गया है.
क्या होता है टू फिंगर टेस्ट
दरअसल वर्जिनिटी का पता लगाने के लिए बलात्कार के मामले में पहले ये टेस्ट किया जाता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने काफी पहले ही इसे असंवैधानिक घोषित कर इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. यहां तक कि WHO ने भी टू फिंगर टेस्ट को अनैतिक करार दिया है. यह एक Manual Process है, जिसके तहत पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में दो उंगली डालकर या पता किया जाता है कि वह वर्जिन है या नहीं.
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इस प्रक्रिया को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं. फिलहाल ये सवाल है कि अगर भारत में इसे बैन किया गया है तो फिर पीड़िता के साथ ऐसा क्यों किया गया. इस टेस्ट के बाद से पीड़िता (IAF Officer Rape Case) सदमे में है.
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