Dr. Kamal Ranadive: आज सुबह से जब भी हम गूगल पर सर्च इंजन पर जा रहे है तो हमें एक गूगल का डूडल दिखाई दे रहा है। एक महिला की फोटो जो कुछ रिसर्च कर रही है। क्या आप जानते है कौन है ये महिला जिनको गूगल ने याद किया है। ये प्रसिद्ध बायोमेडिकल रिसर्चर डॉ. कमल रणदिवे है। डॉ. कमल रणदिवे (Dr. Kamal Ranadive) ने विज्ञान के क्षेत्र में अपना बड़ा योगदान दिया था। उनकी काबिलियत और योगदान के लिए गूगल ने उनकी जयंती पर डूडल बनाकर याद किया।
डॉ. कमल रणदिवे का जीवन परिचय:
बता दें डॉ. कमल रणदिवे का जन्म आज ही के दिन यानी 8 नवंबर 1917 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। डॉ. कमल रणदिवे मेडिकल के क्षेत्र में उनका काफी योगदान रहा। उन्हें बायोमेडिकल रिसर्चर के रूप में पहचान मिली थी। डॉ. कमल रणदिवे ही पहली रिसर्चर थी जिन्होंने दुनिया को बताया था कि स्तन कैंसर की घटना और आनुवंशिकता से भी संबंध हो सकता है। वो भारतीय महिला वैज्ञानिक संघ (IWSA) की संस्थापक सदस्य भी थीं। उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में अपने विशिष्ट कार्य के लिए 1982 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।
डॉ. कमल रणदिवे ने पिता का सपना किया था पूरा:
डॉ. कमल रणदिवे के पिता दिनकर पुणे के फर्गसन कॉलेज में एक जीवविज्ञान के प्रोफेसर थे। उनका सपना था कि उनकी बेटी एक दिन इस क्षेत्र में अपना बड़ा योगदान देकर आने वाले समय में महिलाओं के लिए एक आदर्श बने। डॉ. कमल रणदिवे ने 1949 भारतीय कैंसर अनुसंधान केंद्र में एक शोधकर्ता के रूप में कार्य किया था। उन्होंने यहां से कोशिकाओं के अध्ययन में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। उसके बाद वो विदेश जाकर पड़े करके वापस महाराष्ट्र आ गई। जिसके बाद 1966 से 1970 तक उन्होंने भारतीय कैंसर अनुसंधान केंद्र के डायरेक्टर पद पर भी रही।
गूगल क्यों बनाता है डूडल?
किसी महान पुरुष-महिला की जयंती होती है तो गूगल अपनी तरफ से अपने होमपेज में एक अच्छी फोटो लगाकर उसे याद करता है। जिससे लोगों को उस महान पुरुष-महिला के बारें पता चले उनके समाज और दुनिया के लिए दिए गए योगदान का पता चले। और इस प्रकार से जो गूगल के द्वारा होम पेज का डिजाइन चेंज किया जाता है उसे ही Doodle कहते हैं।
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