दुर्गम क्षेत्रों में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर आई-ड्रोन (I-Drone) का शुभारंभ किया गया है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को इसका शुभारंभ किया. बता दें कि यह आईसीएमआर (ICMR) की ओर से की गई एक पहल है. बड़ी बात ये है कि साउथ ईस्ट एशिया (Southeast Asia) में ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन गया है.
इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. आज एक ऐतिहासिक दिन है, जिसने हमें दिखाया कि कैसे टेक्नोलॉजी जीवन को न सिर्फ आसान बना रही है बल्कि सामाजिक परिवर्तन भी ला रही है.
i-Drone: The game-changer in healthcare!
First #MakeInIndia drone, which has a capacity of 900 vaccine doses, was used for delivery across a distance of 31 km, from Bishnupur to Karang Island in Manipur.
10 people were vaccinated against #COVID19 through this initiative. pic.twitter.com/L5Hso6XY1U
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) October 4, 2021
मणिपुर में पहुंचाई गई ड्रोन से वैक्सीन
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया में 15 किलोमीटर की हवाई दूरी पर कोविड टीके के परिवहन (ले जाने) के लिए मेक इन इंडिया ड्रोन (Drone Delivers Vaccine) का इस्तेमाल पहली बार किया गया है. मणिपुर के बिष्णुपुर जिला अस्पताल से लोकतक झील करंग द्वीप तक 12-15 मिनट में पहुंचाए गए. इनके बीच की दूरी करीब 26 किलोमीटर है.
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विकट हालात में कर सकते हैं इसका इस्तेमाल
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत भौगोलिक विविधताओं का देश है. ड्रोन का इस्तेमाल (Drone Delivers Vaccine) अंतिम भूभाग तक आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने के लिए किया जा सकता है. ड्रोन का इस्तेमाल न सिर्फ वैक्सीन के लिए बल्कि जीवन रक्षक दवाएं पहुंचाने (Drone Delivers Vaccine) और ब्लड सैंपल को इकट्ठा करने के लिए भी कर सकते हैं. विकट परिस्थितियों में भी इसका इस्तेमाल किया जासकता है.
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दुर्गम इलाकों में वैक्सीन पहुंचाना चुनौती का काम
जहां तक कोविड-19 टीकाकरण की बात है. यह पहले ही हमारे सारी अपेक्षाओं को पार कर चुका है, मतलब उम्मीद से ज्यादा काम हुआ है. हमें विश्वास है कि इस पहले से अन्य टीकों (Drone Delivers Vaccine) और चिकित्सा आपूर्तियों को जल्द से जल्द पहुंचाने में मदद मिलेगी. राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में प्रभावी और सुरक्षित टीकाकरण के बावजूद भारत के कठिन और दुर्गम इलाकों में अभी भी वैक्सीन पहुंचाना एक चुनौती का काम है. ऐसे में फिलहाल ड्रोन आधारित डिलिवरी योजना को मणिपुर और नागालैंड के साथ-साथ अंडमान-निकोबार में भी शुरू करने की अनुमति दी गई है.
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केन्द्रीय मंत्री ने दी सभी को बधाई
इस आई-ड्रोन की क्षमता को लेकर आईसीएमआर ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से एक रिसर्च की. जिसे मणिपुर, नागालैंड और अंडमान निकोबार में आयोजित किया. रिसर्च का परिणाम उम्मीद के मुताबिक रहने के बाद डीजीसीए ने इसकी इजाजत दी है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के साथ-साथ आईसीएमआर और स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई दी.
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