PIB: प्रदूषण की समस्या आज हर शहर के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है. हम सब जानते हैं कि सड़कों पर सरपट दौड़ती गाड़ियां और फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं हवा में प्रदूषण की मात्रा को बढ़ा रहे हैं, प्रदूषण रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन फिर भी वो इतने कारगर नहीं नजर आ रहे. अब प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से प्लान किया जा रहा है.
आम तौर पर दिल्ली-एनसीआर में ठंड के समय प्रदूषण का कहर इतना बढ़ जाता है कि कोहरे भी स्मॉग बन जाता है. यानि कोहरे में भी प्रदूषण के कण घुस जाते हैं. ठंड का समय आने से पहले एक बार फिर सरकार तैयारियों में जुटी है. इस बार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इसके लिए विशेष आदेश जारी किए हैं. जिसके तहत दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में दस सूत्री प्लान के तहत काम होगा.
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क्या है वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का प्लान
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक प्रदूषण कम करने के लिए रणनीतिक उपाय अपनाए जा रहे है. जिसके तहत सोर्स ऑफ पॉल्यूशन यानि प्रदूषण के स्त्रोत को रोकना और दूसरा धूल को कम करने का उपाय करना बेहद जरूरी है. इसके लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने यूपी, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली सरकार को राज्यों में धूल नियंत्रण एवं प्रबंधन प्रकोष्ठ स्थापित करने के निर्देश दिए हैं. ताकि इसकी ओर से तैयार की गई मासिक रिपोर्ट से प्रदूषण से निपटने में मदद मिल सके. अब तक उत्तर प्रदेश सरकार ने 17, दिल्ली सरकार ने 11, राजस्थान सरकार ने 8 और हरियाणा सरकार ने दो धूल नियंत्रण एवं प्रबंधन प्रकोष्ठ की स्थापना की है.
धूल नियंत्रण एवं प्रबंधन प्रकोष्ठ को इन दस प्वाइंट पर करना होगा काम
पहला, रोड स्वीपिंग मशीनो का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना होगा ताकि सड़क पर धूल न रहे. दूसरा, स्वीपिंग मशीनों के इस्तेमाल के बाद धूल को दबाने के लिए पानी का छिड़काव करना होगा. तीसरा, जो भी निर्धारित जगह या लैंडफिल है वहां धूल को साइंटिफिक तरीके से हटाया जाए. चौथा, स्वीपिंग और छिड़काव से जुड़े क्षमता को बढ़ाना होगा.
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पांचवां सड़कों पर गड्ढा न हो ये सुनिश्चित करना. छठा, इस तरह से सड़कें बने या फिर उनकी मरम्मत हो ताकि उसकी सफाई की जा सके. सातवां, जो कच्चे फुटपाथ हैं, उन्हें पक्का बनाना या फिर हरित क्षेत्र में बदलना, आठवां, हरियाली को बढ़ावा देना. नौंवां औद्योगिक क्षेत्रों में बिटुमिनस वाली सड़कों पर सीमेंट वाली सड़कें बनाना और दसवां जिन जगहों पर धूल जमा होती है, उनकी पहचान कर वहां समस्या का समाधान करना.
प्रदूषण के ख़िलाफ़ दिल्ली का 10 सूत्रीय प्लान-
▪️पराली के लिए बायो डी-कंपोजर
▪️धूल के प्रदूषण पर कार्रवाई
▪️कूड़ा जलाने पर जुर्माना
▪️पटाखों पर प्रतिबंध
▪️स्मॉग टॉवर
▪️हॉटस्पॉट की निगरानी
▪️ग्रीन वॉर रूम
▪️ग्रीन दिल्ली ऐप
▪️भारत का पहला ई-वेस्ट पार्क
▪️वाहनों के प्रदूषण पर लगाम— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 4, 2021
दिल्ली सरकार का ये है दस सूत्री प्लान
तो कुल मिलाकर इस दस सूत्री प्लान के तहत प्रदूषण कंट्रोल करने का लक्ष्य रखा गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अलग से दस सूत्री प्लान बनाया है, जिसमें पराली के लिए बायो डी कंपोजर, धूल को कम करना, कूड़ा जलाने पर जुर्माना, पटाखों पर प्रतिबंध, स्मॉग टावर, हॉटस्पॉट की निगरानी, ग्रीन वॉर रूम, ग्रीन दिल्ली ऐप, भारत का पहला ई-वेस्ट पार्क और वाहनों के प्रदूषण पर लगाम शामिल है.
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