Gehlot Govt Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार प्रदेश के युवाओं के हित में बड़े फैसले (Gehlot Govt Rajasthan) ले रही है। मंगलवार को भी प्रदेश मुखिया अशोक गहलोत ने युवाओं के हित में दो बड़े महत्वपूर्ण की घोषणा की है। इसमें एक तो सभी विभागों में रिक्त और नवसृजित पदों पर नियमित भर्तियां होंगी और दूसरा कमेटी गठन का। इन कमेटी गठन का मुख्य कार्य भर्तियों से जुड़े विवादों का निपटारा करना होगा।
सीएम गहलोत ने लिए ये दो बड़े फैसले:
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेरोजगारों के हित ये ऐतिहासिक फैसला लिया है। पहले कार्मिक विभाग की अनुमति के इंतजार में प्रदेश की कई सीधी भर्तियां अटक जाती थी। अब सीएम के इस फैसले के बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड पहले ही आगामी वर्ष का भर्ती कलेंडर जारी करेंगे। विभागों की भर्तियों के लिए तय शैक्षणिक योग्यता के साथ अथवा में समकक्ष डिग्री या डिप्लोमा के कारण कई बार विवाद होता था, जिसके कारण भी भर्तियां रोकनी पड़ती थी। ऐसे में अब जब ऐसी परिस्थिति होगी तब ये चयन कमेटी इस पर फैसला लेकर तुरंत मामले का निस्तारण कर देगी। इससे युवाओं की नौकरी के दिक्कत नहीं आएगी।
बेरोजगार लम्बे समय से यह मांग कर रहे थे मांग:
सूची जारी होने के बाद विभागों को एक माह में पदस्थापन आदेश जारी करने होंगे। नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद अभ्यर्थी को 3 सप्ताह में कार्य ग्रहण करना होगा अन्यथा नियुक्ति आदेश स्वतः निरस्त समझा जाएगा। कार्यग्रहण की समय सीमा में वृद्धि के लिए अभ्यर्थी को अन्तिम तिथि से 7 दिन पूर्व सूचित करना होगा। इस पर विभाग को अन्तिम तिथि से पूर्व ही निर्णय करना होगा।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के बेरोजगार लम्बे समय से यह मांग कर रहे थे कि सरकार विभिन्न भर्तियों के लिए कलेंडर जारी करे। आखिरकार सीएम गहलोत ने उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए ये बड़ा फैसला लिया है। इसके आधार पर भर्ती से जुड़ी हर तैयारी बोर्ड को पहले ही पूरी करने का आदेश दिया गया है। अब आगे से प्रदेश में भर्ती के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया एकबारगी ही रहेगी अर्थात बार बार आवेदन की तिथि आगे नहीं बढाई जाएगी।
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