पेंडोरा पेपर्स लीक (Pandora Papers Leak) मामले में कई भारतीयों के नाम सामने आने के बाद केन्द्र सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. सीबीडीटी चेयरमैन के नेतृत्व में अब इस मामले की जांच कई संबंधित एजेंसियां करेंगी. गौरतलब है कि इससे पहले पनामा पेपर्स लीक का मामला भी सामने आया था. इस बार पेंडोरा पेपर्स लीक (Pandora Papers Leak) में सचिन तेंदुलकर और अनिल अंबानी जैसे कई दिग्गजों के नाम शामिल हैं.
केन्द्र सरकार ने ये निर्देश दिया है कि इस मामले की जांच सीबीडीटी (CBDT) के चेयरमैन के नेतृत्व वाली कई एजेंसियों की समूह करेगी. इसमें सीबीडीटी, ईडी, आरबीआई और एफआईयू के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे. सरकार का कहना है कि ऐसे मामलों में संबंधित जांच एजेंसियां कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी. सरकार इससे जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए विदेश से भी पूरी तत्परता के साथ संपर्क करेगी.
Government takes note of the data trove in the 'Pandora Papers' leak.
Govt issues directions that investigation in cases of Pandora Paper leaks as appearing in the media under the name 'PANDORA PAPERS' will be monitored through the Multi Agency Group headed by Chairman, CBDT. pic.twitter.com/XSnRBxiady— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) October 4, 2021
बता दें कि इससे पहले आईसीआईजे, एचएसबीसी, पनामा पेपर्स और पैराडाइज पेपर्स के मामलों को देखते हुए भारत में काला धन एवं कर अधिनियम 2015 लागू है. जिसका उद्देश्य काला धन अघोषित विदेशी परिसंपत्तियों और आय पर अंकुश लगाना है. पनामा और पैराडाइज पेपर्स की जांच में करीब 20 हजार 532 करोड़ रुपये की अघोषित जमाराशि की जानकारी मिली है.
2.94 टेराबाइट डेटा के आंकड़े मिलने का दावा
बड़ी बात ये है कि इस मामले को उजागर करने वाली संस्था इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंटरनेशन जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने अब तक कुछ ही लोगों का ब्यौरा दिया है. अब तक की जानकारी के मुताबिक कई देशों के अमीर लोगों को विदेशों में छिपे रहस्यों को उजागर करने का दावा किया गया है. इसके मुताबिक 2.94 टेराबाइट डेटा के आंकड़ें मिले हैं.
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क्या है पेंडोरा पेपर्स लीक
पेंडोरा पेपर्स लीक (Pandora Papers Leak ) को आसान भाषा में समझे तो इसका मतलब टैक्स हेवेन देशों में अपनी संपत्तियों और रहस्यों को छिपाने से जुड़ा है. इसे अब तक की सबसे बड़ी संयुक्त मीडिया इंवेस्टिगेशन कहा जा रहा है. जिसमें दुनियाभर के 117 देशों के 150 से ज्यादा मीडिया संस्थानों ने काम किया है, जिसमें इंडियन एक्सप्रेस भी शामिल है. इनका नेतृत्व इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंटरनेशनल जर्नलिस्ट्स ने किया.
• More than 11.9M confidential files
• More than 600 journalists
• 150 news outlets
• 2 years of reportingThe #PandoraPapers offer insights into why governments and global organizations have made little headway in ending offshore financial abuses. https://t.co/5JF4u2V4eN pic.twitter.com/IF7VEiBhFz
— ICIJ (@ICIJorg) October 4, 2021
करीब 600 पत्रकारों ने ये जानकारी जुटाई कि दुनियाभर के तमाम धनकुबेरों ने टैक्स चोरी, ऑफशोर कंपनियां खोलने और अपनी कुल संपत्ति का खुलासा नहीं किया. इसकी जांच में कई ऐसे तथ्य सामने आए कि दुनिया के कई अमीर और शक्तिशाली लोग अपनी संपत्ति छिपा रहे हैं. इसमें अब तक 300 से ज्यादा भारतीयों के नाम सामने आए हैं.
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