भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन(CDS Bipin Rawat) रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश(Helicopter Crash) होने से निधन हो गया, हादसे में उनकी पत्नी और अन्य 11 लोगों की मौत हो गई. Mi-17V5 हेलीकॉप्टर (Helicopter Mi-17V5) के क्रैश होने के बाद से ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सेना का सबसे सुरक्षित माना जाने वाला हेलीकॉप्टर कैसे क्रैश हो गया, क्या सुरक्षा मानकों में कोई चूक हुई है. इन सवालों के जवाब तो जांच के बाद ही मिल पाएंगे लेकिन फिलहाल ये जानना जरूरी है कि आखिर इस हेलीकॉप्टर की खासियत क्या है और वीवीआईपी मूवमेंट(VVIP Movement) में क्या प्रोटोकॉल फॉलो करने होते हैं. इस हादसे की वजह मौसम बताई जा रही है.
हेलीकॉप्टर Mi-17V5 की खासियत
लेकिन Mi-17V5 हर मौसम में उड़ाया जाने वाला मीडियम ट्वीन टरबाइन हेलीकॉप्टर(Helicopter Mi-17V5) है. इसका इस्तेमाल हैवी लिफ्ट, ट्रांसपोर्टेशन, वीवीआईपी मूवमेंट और रेस्क्यू ऑपरेशन में किया जाता है. 13 हजार किलो की क्षमता के साथ यह 36 सशस्त्र सैनिकों को आंतरिक रूप से ले जाने में सक्षम है. मतलब इसमें क्षमता से कम 14 लोग ही सवार थे. हालांकि वीवीआईपी के मामले में इसमें 20 ही लोग सवार हो सकते हैं.
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6 हजार मीटर तक उड़ान भरने में है सक्षम
250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से यह उड़ान भर सकता है. अधिकतम 6 हजार मीटर तक यह ऊड़ान भरने में सक्षम है. यह मिसाइल्स और रॉकेट से पूरी तरह लैस होता है. रक्षा मंत्रालय ने साल 2008 में 80 हेलीकॉप्टर के लिए रूस के साथ करार किया था. 2011 में इसकी डिलीवरी शुरू हुई थी. एमआई सीरीज के हेलीकॉप्टर काफी अत्याधुनिक किस्म के माने जाते हैं, इस हेलीकॉप्टर(Helicopter Mi-17V5) का वजन करीब 7 हजार 489 किलोग्राम है.
सुरक्षा मानकों का रखा जाता है ख्याल
आम तौर पर किसी भी वीवीआईपी की मूवमेंट(VVIP Movement) को लेकर सुरक्षा के सभी मानकों का पूरा-पूरा ख्याल रखा जाता है. यहां तक कि अगर यात्रा सड़क मार्ग की है तो संपूर्ण सुरक्षा और हवाई मार्ग की है तो विमान संबंधी सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जाता है. यहां तक कि किसी हादसे की स्थिति से बचने के लिए क्या मार्ग अपनाए जाएंगे इसका भी विकल्प होता है.
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वीवीआईपी सुरक्षा में इन मानकों का रखा जाता है ख्याल
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत(Bipin Rawat) की सुरक्षा भी वीवीआईपी थी. तीनों सेनाओं के प्रमुख जनरल बिपिन रावत जहां कहीं भी जाते थे, इसकी सूचना पहले रक्षा मंत्रालय या पीएमओ को दी जाती थी. चॉपर से अधिकारिक यात्रा पर जाते वक्त उनके साथ दो पायलट और स्टाफ ऑफिसर्स होते थे, जो सुरक्षा के मापंदंडों का पूरा ख्याल रखते थे. क्रू मेंबर से लेकर पायलट तक सभी अनुभवी हों, इस बात का खास ख्याल रखा जाता है. हेलीकॉप्टर(Helicopter Mi-17V5) पर सवार होने और हेलीकॉप्टर से उतरते वक्त हमेशा साथ में सुरक्षाकर्मी मौजूद होते थे.
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ऐसे दुर्घटनाग्रस्त हुआ हेलीकॉप्टर
जनरल बिपिन रावत पत्नी मधुलिका रावत के साथ निलगिरी हिल्स के वेलिंगटन में स्थित डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज में शामिल होने गए थे. लेकिन उनका हेलीकॉप्टर नीलिगिरी की पहाड़ियों में क्रैश कर गया. अब वायुसेना(Indian Air Force) ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. दोपहर में केंटनी गांव के लोगों ने धुआं उड़ता देख इसकी जानकारी दी थी जिसके बाद मौके पर जिला प्रशासन की टीम पहुंची. हेलीकॉप्टर ने सुलुर आर्मी बेस से उड़ान भरी थी.
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ख़बर है कि विमान में मौजूद ब्लैक बॉक्स(Black Box) सुरक्षित बरामद हुआ है, जिसकी मदद से हादसे की वजह का पता चल पाएगा. टाइटेनियम से बना ब्लैक बॉक्स पानी, चट्टान या जंगल कहीं भी पूरी तरह से सुरक्षित होता है, जिसमें पायलट की आखिरी बातचीत भी रिकॉर्ड होती है.
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