हिचकी (Hiccup) आना सामान्य बात है.सिर्फ इंसानों को ही नहीं, बल्कि जानवरों को भी हिचकी आती है. बुजुर्ग लोगों से आपने सुना होगा कि हिचकी(Hiccup) आए तो समझ लीजिए आपका कोई खास आपको याद कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है. मेडिकल साइंस के हिसाब से ये एक बीमारी भी है.
आमतौर पर बच्चों को हिचकी(Hiccup) ज्यादा आती है. बढ़ती उम्र के साथ-साथ हिचकी का आना कम जरूर होती है, लेकिन कभी बंद नहीं होती है. छींकने का तरीका अलग होता है, वैसे ही सबको हिचकी भी अलग-अलग तरीके से आती है. एक शोध के मुताबिक एक मिनट में व्यक्ति को 4 से 60 बार तक हिचकी आती है.
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हिचकी (Hiccup) आने की वजह
हिचकी (Hiccup) आना सामान्य बात है. डायफ्राम छाती को पेट से अलग करने वाली एक मांसपेशी है. इसका सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया में इमपॉर्टेंट रोल होता है. मांसपेशी में सिकुड़न आने की वजह से ही हिचकी आती है. ज्याद भोजन कर लेने, ज्यादा गर्म और मसालेदार खाना खाने के कारण डायफ्राम में ऐठन या सिकुड़न आ जाती है जो हिचकी की वजह है. वैज्ञानिकों की माने तो पाचन या श्वास नली में ज्यादा हलचल और गड़बड़ी से व्यक्ति को हिचकी आ जाती है.
हिचकी(Hiccup) को रोकने के उपाए
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विज्ञान ने तो नहीं लेकिन घरेलू नुस्खे बहुत जाने जाते हैं. घरेलू नुस्खे यानि चीनी या पानी आदि से भी हिचकी रोकी जा सकती है. नींबू, शहद के सेवन से लेकर चॉकलेट पॉउडर और काली मिर्च खाने को कहा जाता है. हिचकी कई घंटों तक नहीं रुके तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है.
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