Himmatram Bhambhu Life Story: देश की 100 से ज्यादा हस्तियों को सोमवार को राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कारों से नवाजा गया। इस सम्मान में कई बड़ी हस्तियों के नाम शामिल थे, जिन्हें पद्म पुरस्कारों पद्म भूषण, पद्म विभूषण और पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। लेकिन कई नाम ऐसे थे जिनकी कहानी बेहद ही प्रेरणादायी है। इन हस्तियों में एक नाम था हिम्मत राम, जिनकी हिम्मत से रेगिस्तान हरा-भरा हो गया। जी हां, राजस्थान को रेगिस्तान के लिए जाना जाता है। जहां दूर-दूर तक पेड़ हरियाली नज़र नहीं आती है। लेकिन हिम्मत राम (Himmatram Bhambhu Life Story) ने अपने हिम्मत से यहां अभी तक लाखों हरे पेड़ लगाए है।
रेगिस्तान में लाखों पेड़ लगाकर किया हरा-भरा:
बता दें नागौर जिले के रहने वाले हिम्मतराम समाज के लिए एक मिसाल है। हिम्मतराम ने अपनी पूरी ज़िंदगी पर्यावरण के लिए समर्पित कर चुके है। 65 साल के इस पर्यावरण प्रेमी ने अपनी मेहनत और लगन से राजस्थान को हरा-भरा करने की ठानी है, और उसे लगातार कई सालों से कर भी रहे है। इन्होने अबतक करीब एक लाख से भी अधिक पेड़ लगाए है और इनकी देखभाल का जिम्मा भी उठा रखा है। बता दें हिम्मतराम ने स्कूल की पढ़ाई छोड़कर मैकेनिक का काम किया था। उसी दौरान उन्होंने सबसे पहले एक पीपल का पौधा लगाया था, इसके बाद अन्य पौधे लगाने में जुट गए। उनका ये शौक धीरे-धीरे उनके लिए जुनून बनता चला गया।
‘पर्यावरण पुत्र’ के नाम से पहचान मिली:
हिम्मतराम भी उन 119 हस्तियों में शामिल थे, जिन्होंने समाज को एक नया सन्देश दिया। इसी कड़ी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में हिम्मतराम को पद्मश्री से सम्मानित किया।हिम्मतराम ने अपनी पूरी ज़िंदगी को पर्यावरण के प्रति समर्पित कर दिया। हिम्मतराम की कहानी काफी प्रेरणादायी है। पर्यावरण के साथ हिम्मतराम पशु-पक्षियों की भी खूब सेवा करते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिम्मतराम हर दिन करीब हज़ारों पक्षियों और जानवरों को दाना खिलाते है। राजस्थान में इनको ‘पर्यावरण पुत्र’ के नाम से पहचान मिली हुई है।
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