हिप्पो (Hippo) की बात करे तो. दिखने में एक राक्षसी जीव होता है लेकिन हिपो (Hippo) हर्बीवोरस होता है यानी तृणाहारी होता है. हिप्पोपोटेमस सेमी एक्वेटिक स्तनपायी है. जो अपना पूरा शरीर डूबे ऐसे पानी में रहना पसंद करते है.
जो आफ्रिका के उप-सहारा के ईलाकों में रहता है. जो तालाब, नदी और दल दल में रहना पसंद करते है. भारी शरीर पानी में बहुत हल्का हो जाता है. जिससे दिन के दो तिहाई घंटे हिपो (Hippo) पानी में बिताते है.
हिपो 2 SUV कार के जितने भारी होते है लेकिन बहुत तेजी से दौड़ सकते है. ज़मीन पर 20 माइल प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते है. हिपो 16 घंटे जितना समय पानी में बिताते है. दूसरे जीवों की तरह हिपो तैर नहीं सकते. यकीन नहीं हो रहा ना लेकिन हिपो पानी और ज़मीन पर तेजी से दौड़ते है.
पानी में डूबने के बाद किसी भी ओल्पमिंक गोल्ड मेडालिस्ट स्विमर से ज्यादा तेजी से पानी में (Hippo) हिपो दौड़ते है. पानी में बहुत ही कम ग्रैविटी होती है जिससे पानी की अंदर एक पुश करके अपने शरीर को बाउंस करता है. जिससे बहुत तेज रफ्तार मिलती है. जैसे एक एस्ट्रोनोट करते है. 2 इंच की च़मडी के नीचे ज्यादा फेट नहीं होता बल्कि मजबूत मसल्स होती है.
दिन के समय में हिपो (Hippo) पानी या फिर दल-दल में पडे रहते है. मड बाथ करते रहते है. जिससे मच्छर और अन्य पेरेसाईट जैसे जीव दूर रहते है… छिछला पानी न होने पर हिपो गहरे पानी में चले जाते है और नथुनों के सहारे बाहर सांस लेने आते है. लेकिन मेटिग और बच्चों को जन्म छिछले पानी में ही देते है.
आलसी स्वभाव का हिपो (Hippo) बहुत गुस्सेल होता है. जिसकी वजह से हिपो को अफ्रीका का सबसे खतरनाक जीव माना जाता है. पुरी दुनिया में सिर्फ दो प्रकार के हिपो (Hippo) पाये जाते है. एक कॉमन हिपो और एक पिग्मी हिपो. DNA पर शोध से पता लगा है की हिपो सबसे व्हेल का करीबी है. जो सत्य है क्योंकी पानी हिपो की जिंदगी में अहम रोल निभाता है.
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दिन के समय अफ्रीका की भीषण गर्मी से बचने के लिए हिपो पानी में चले जाते है. साथ ही हिपो की स्किन में एक ग्लेन्ड होता है. जिससे एक तैलीय तरल निकलता है. जो बाहरी सतह पर आते ही रेडिश ऑंरेज हो जाता है और यह पिगमेन्ट सूर्य के किरणों को रोकता है. यह पिगमेंन्ट बेक्टेरिया से हिपो को बचाता है. और घाव को जल्दी ठीक करता है.
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रात होते ही हिपो (Hippo) ज़मीन पर आते है और घास खाते है. पांच घंटे तक घास खाते है. अपने कुदरती आवास से बहुत दूर तक घास खाने आते है. अपने पुराने रास्ते पर ही हिपो घास खाने आते है. 68 किलोग्राम तक घास हिपो एक बार में ही घास चट कर सकते है. हिप्पोपोटेमस निशाचर स्तनपायी है. जो घास चरने के लिए 5 से 10 किलोमीटर तक का सफर करते है. खाना खत्म करके हिपो फिर से पानी में लौट जाते है. हिप्पोपोटेमस को पानी से बहुत प्यार होता है. इसलिए ग्रीक में हिपो को पानी का घोड़ा भी कहते है.
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