जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती(Mehbooba Mufti) आर्टिकल 370 की बहाली की लगातार मांग कर रही हैं. अब तो इसके लिए उन्होंने धमके भरे बोल बोलने शुरू कर दिए हैं. यहां तक कि महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर जम्मू-कश्मीर को साथ रखना है तो आर्टिकल 370(Article 370) की दोबारा बहाली करनी होगी. बता दें कि हाल ही में महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किए जाने की जानकारी भी सामने आई थी.
महबूबा मुफ्ती के धमकी भरे बोल
पीपुल्स डेमेक्रेटिक पार्टी की चीफ और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती(Mehbooba Mufti) ने एक कार्यक्रम में कहा कि हमने महात्मा गांधी जी और इंदिरा गांधी जी की इंडिया के साथ जाने का फैसला किया था. जिन्होंने हमें आर्टिकल 370, 35 A और हमें अपना झंडा दिया. अगर जम्मू-कश्मीर को साथ रखना है तो 370 और 35A को दोबारा बहाल करना होगा, कश्मीर मसले का समाधान करना होगा.
#WATCH | We decided to go with India of Gandhi Ji, which gave us Article 370, Article 35A & our own flag… If you want to keep J&K with you, reinstate Article 370 & Article 35A & solve Kashmir issue. You can't keep Kashmir with you by using muscle power: PDP chief Mehbooba Mufti pic.twitter.com/MsaaAFj1Nf
— ANI (@ANI) November 24, 2021
ताकत का इस्तेमाल कर नहीं रख सकते साथ- महबूबा
महबूबा मुफ्ती(Mehbooba Mufti) ने कहा कि आप ताकत का इस्तेमाल कर जम्मू-कश्मीर को साथ नहीं रख सकते. बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब महबूबा मुफ्ती ने ऐसा बयान दिया हो, इससे पहले भी वह कई बार 370 को दोबारा से लागू करने की मांग कर चुकी हैं, महबूबा मुफ्ती के अलावा उमर अब्दुल्ला और फारूख अब्दुल्ला समेत कई नेता लगातार ये मांग कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: PM Modi All Party Meeting: जम्मू-कश्मीर के नेताओं संग पीएम मोदी की बैठक में फिर उठा धारा 370 का मुद्दा
5 अगस्त 2019 को हटा गया आर्टिकल 370
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से 370 हटाया गया, जिसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर को केन्द्रशासित प्रदेश और लेह को उससे अलग कर एक नया केन्द्रशासित प्रदेश बनाया गया. पहले जम्मू-कश्मीर और लेह को मिलाकर एक राज्य था. आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को कई तरह के विशेषाधिकार प्राप्त थे. इस घोषणा के बाद विरोध के सुर इतने तेज हुए महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को लंबे समय तक नजरबंद रखा गया. संसद में फारूख अब्दुल्ला की मौजूदगी न होने को लेकर भी सवाल उठे. हालांकि फिलहाल सभी नेता बाहर हैं और केन्द्र सरकार के इस फैसले पर अभी भी विरोध जता रहे हैं.
अधिक रोचक जानकारी के लिए डाउनलोड करें OTT INDIA App
Android: http://bit.ly/3ajxBk4