IHU Covid Variant: कोरोना का ओमिक्रॉन(Omicron Variant) वैरिएंट जहां दुनियाभर में तबाही मचा रहा है तो वहीं इसी बीच फ्रांस(France) में एक नया वैरिएंट मिलने की जानकारी सामने आई है. जानकारी के मुताबिक इस वैरिएंट(New Variant) को लेकर वैज्ञानिक अभी पता नहीं लगा पाए हैं कि यह कितना घातक है, लेकिन इस बात का अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है कि क्या ये ओमिक्रॉन से भी ज्यादा खतरनाक है.
अब तक कई वैरिएंट आ चुके हैं सामने
क्योंकि इससे पहले डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट(Delta Plus Variant) समेत तमाम वैरिएंट जो अब तक सामने आए हैं उनकी संक्रमण क्षमता मूल वायरस की तुलना में ज्यादा रही है. आम तौर पर कोई भी वायरस जब रूप बदलता है, जिसे विज्ञान की भाषा में म्यूटेंट कहते हैं तो वह पहले की तुलना में ज्यादा घातक हो जाता है, लेकिन सिर्फ इस आधार पर ये नहीं माना जा सकता है कि यह ज्यादा घातक है.
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फ्रांस में मिला नया वैरिएंट
बल्कि फ्रांस में जहां ये नया वैरिएंट IHU मिला है, वहां के वैज्ञानिकों का कहना है कि जांच में पता चला कि वायरस के स्पाइक प्रोटीन में 46 म्यूटेशन हुए थे, जबकि ओमिक्रॉन में 32 म्यूटेशन ही हुए थे. मतलब दोनों नए वैरिएंट का म्यूटेशन पहले की तुलना में ज्यादा है. म्यूटेशन(Mutation) ज्यादा होने का मतलब ये है कि यह काफी तेजी से फैल सकता है. मतलब ओमिक्रॉन की तुलना में अगर यह और ज्यादा तेजी से फैला तो ज्यादा तबाही मचा सकता है.
12 लोगों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव
हालांकि अभी इसे लेकर विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है कि यह किन लोगों को चपेट में ले रहा है. नवंबर के महीने में अफ्रीकी देश कैमरून से लौटे 12 लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, उनका सैंपल जब जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया तो वायरस के स्पाइक प्रोटीन में ज्यादा म्यूटेशन सामने आए, जिसके बाद अब ये पता चला है कि यह कोरोना का नया वैरिएंट हैं.
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हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने इसे अभी खतरे की श्रेणी में नहीं डाला है, जबकि ओमिक्रॉन का जब दक्षिण अफ्रीका में पता चला था तो इसे खतरे की श्रेणी में डाल दिया था. वहीं इसकी खोज फ्रांस के IHU Mediterrane Infection के विशेषज्ञों ने की है, इसलिए इसका नाम IHU पड़ा. हालांकि राहत की बात ये है कि इससे प्रभावित लोगों में कोई गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिला है. फिलहाल ओमिक्रॉन वैरिएंट में भी राहत की बात यही है कि ज्यादा गंभीर लक्षण वाले मरीज सामने नहीं आए हैं,लेकिन लक्षण पकड़ में नहीं आना खतरे की बात भी है, क्योंकि इससे जल्दी पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं.
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