महाराष्ट्र के एक बैंक में फर्जी हस्ताक्षर कर 1200 से ज्यादा बैंक अकाउंट (Bank Account) खोले जाने के मामले सामने आए हैं, जिसमें 7 दिनों के भीतर ही करोड़ों रुपये जमा हो गए. इस बात का खुलासा आयकर विभाग की छापेमारी के बाद हुआ है.
PIB की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 27 अक्टूबर 2021 को आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के एक बैंक अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव बैंक (Urban credit Cooperative Bank) के मुख्यालय और उसकी एक शाखा पर छापेमारी (Income Tax Raid) की. बैंक के अध्यक्ष उसके निदेशकों के आवासों पर भी तलाशी अभियान चलाया गया.
.@IncomeTaxIndia conducts searches in Maharashtra
On the basis of the evidences gathered and statements recorded, the entire amount of Rs. 53.72 crore has been restrained.
Further investigations are in progress.https://t.co/kNZ7b2pekH
— PIB India (@PIB_India) November 6, 2021
बैंक अकाउंट खोलने में बरती गई अनियमितता
जिसके बाद ये जानकारी सामने आई कि बैंक अकाउंट (Bank Account) खोलने में भारी अनियमितताएं बरती गईं हैं. बैंक की शाखाओं को एक दूसरे से जोड़ने वाले कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस (CBS) के बैंक आंकड़ों और तलाशी के दौरान पूछताछ से सामने आई जानकारी से ये पता चला कि बिना पैन कार्ड (Pan Card) के ही बैंक में 1200 से ज्यादा नए बैंक खाते खोले गए.
नियमों को ताक पर रखकर जमा हुए करोड़ों रुपये
छानबीन में ये जानकारी भी सामने आई कि बिना केवाईसी (KYC) नियमों का पालन किए खाते खोले गए हैं. यहां तक कि खाता खोलने वाले फॉर्म को बैंक स्टाफ ने ही भरा था, अपने हस्ताक्षर किए थे या अंगूठे के निशान लगाए थे. बड़ी बात ये थी कि हर खाते में 1.9 लाख रुपये के हिसाब से रकम जमा की गई थी, जो कुल मिलाकर 53.72 करोड़ रुपये पहुंच गया था. 1.9 लाख रुपये जमा करने के पीछे कारण ये हो सकता है कि दो लाख से ज्यादा रुपये जमा करने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य होता है, इसलिए इतनी रकम जमा की गई. बाद में इसे फिक्स्ड डिपोजिट में बदल दिया गया. खाता खोलने के सात दिन के अंदर ही 34.10 करोड़ रुपये की रकम जमा की गई.
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700 से ज्यादा बैंक खातों की हुई पहचान
आयकर विभाग (Income Tax Raid) ने इनमें से 700 से ज्यादा बैंक खातों की पहचान कर ली है. खाताधारकों से बातचीत पर पता चला कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. जबकि बैंक से संबंधित अधिकारी भी इस संबंध में हिसाब नहीं पाए. ऐसी जानकारी सामने आई कि बैंक के एक निदेशक पर कहने पर ऐसा किया गया, जो अनाज की आढ़त का व्यापार करने वाला एक स्थानीय कारोबारी है.
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