Israel: इजराइल और फिलिस्तीन (Palestine) के बीच पिछले कई दिनों से संघर्ष चल रहा है। लेकिन दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ था। लेकिन इजराइल और फिलिस्तीन के बीच का यह सीजफायर 26वें दिन बाद टूट गया। इजराइली डिफेंस फोर्स (Israel Defense Forces-IDF) ने बुधवार को फिलिस्तीन में गाजा पट्टी के दक्षिणी इलाके खान यूनिस में एयरस्ट्राइक की। IDF द्वारा बयान पेश किया गया जिसमें बताया गया कि गाजा (Gaza) की तरफ से दक्षिणी इजराइल पर विस्फोटक भरे गुब्बारे छोड़े जा रहे थे। इसलिए यह कार्रवाई उसके जवाब में की गई।
Arson balloons were launched from Gaza into Israel yesterday, causing multiple fires. In response, IDF fighter jets struck Hamas military compounds last night, which were used as meeting sites for Hamas terror operatives.
Hamas will bear the consequences for its actions. pic.twitter.com/lYhqfx26fm
— Israel Defense Forces (@IDF) June 16, 2021
1 मई दोनों देशों के बीच संघर्ष पर विराम ऐलान
खबरों के मुताबिक, दोनों देशों इजराइल (Israel) और फिलिस्तीन के बीच 11 दिनों तक चले युद्ध के बाद 1 मई संघर्ष विराम का ऐलान हुआ था, और सीजफायर समझौता हुआ था। इस एयरस्ट्राइक से इजराइल के नए प्रधानमंत्री नेफ्टाली बेनेट ने संदेश दिया है कि फिलिस्तीन के प्रति उनकी नीति सख्त रहने वाली है। लेकिन 25 दिनों बाद ही इजरायल ने गाजा पर एयर स्ट्राइक किया है। पहले भी इजरायल और हमास के बीच 11 दिनों तक भीषण लड़ाई चली थी।
फिलिस्तीन के इस्लामिक जिहाद ग्रुप के लोग इजराइल पर विस्फोटक पहुंचाने के लिए गुब्बारे तैयार करते हुए। file Photo
इजराइली फोर्स: हमले के जवाब के लिए हर तरह से तैयार:
इजराइली फोर्स द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक, उन्होंने हमास के ठिकानों पर हमला किया है और वे हर तरह के हमले के लिए तैयार हैं। इससे पहले मई में 11 दिनों तक चले युद्ध में फिलिस्तीन (Palestine) के 253 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 66 बच्चे भी शामिल थे। हमास के हमले में इजराइल के भी 13 लोगों की मौत हुई थी।
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने एक बयान में बताया कि इजरायल के लड़ाकू विमानों ने खान यूनिस और गाजा शहर में हमास द्वारा संचालित सैन्य परिसरों को निशाना बनाया।
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इजराइल के यरूशलम के फ्लैग मार्च से बनी तनाव की स्थिति
अरब देशों के साथ 1967 में छह दिन चले युद्ध में इजराइल की जीत हुई थी। तबसे यरूशलम पर इजराइल का कब्जा हो गया था। इस जीत की याद में कट्टर यहूदी हर साल यरूशलम मार्च निकालते हैं। यह मार्च यरूशलम दिवस के रूप में मनाया जाता है। और मंगलवार को दक्षिणपंथियों ने फ्लैग मार्च निकाला था। इससे वहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।
यरूशलम दिवस Image Credit: EPA/ABIR SULTAN
आपको बता दें, पहले यह मार्च 10 जून को निकाला जाना था, लेकिन तनाव की स्थिति को देखते हुए इसकी तारीख आगे बढ़ा दी गई थी। मार्च के पहले हमास ने घोषणा की थी कि अगर यरूशलम मार्च निकाला गया तो वे अल-अक्सा मस्जिद की हिफाजत के लिए रॉकेट छोड़ेगा।
For the first time in 2 years, we are hosting a full size, 9-day delegation of former US military generals and admirals led by @jinsadc.
The delegation met various IDF officials incl. Chief of the General Staff, LTG Aviv Kohavi, discussing current & future threats to Israel. pic.twitter.com/wrTMEDTyJ1
— Israel Defense Forces (@IDF) June 15, 2021
नेफ्टाली बेनेट बने इजराइल के नए प्रधानमंत्री (Israel PM Naftali Bennett )
13 जून रविवार को इजराइल में 8 पार्टियों की गठबंधन से सरकार बनी। इजरायल के प्रधानमंत्री नेफ्टाली बेनेट (Israel PM Naftali Bennett) ने पद की शपथ ली थी। बेनेट कई बड़ी कंपनियों के मालिक भी हैं। दो साल चीफ ऑफ स्टाफ भी रह चुके हैं। प्रधानमंत्री बेनेट ने पश्चिमी किनारे और पूर्वी यरुशल में यहूदियों की बस्तियों को बसाने का समर्थन किया है। लेकिन फलस्तीनी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय शांति की दिशा में सबसे बड़ी बाधा मानता रहा है। इसके अलावा बेनेट ने इन बस्तियों को बसाने की योजना में नेतन्याहू के लेट फैसले पर कड़ी आलोचना भी की।
Thank you Mr. President! I look forward to working with you to strengthen the ties between our two nations 🇮🇱🇺🇸 pic.twitter.com/RNYPX4amGE
— Naftali Bennett בנט (@naftalibennett) June 13, 2021
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