कमला हैरिस (Kamala Harris) जो की अभी अमेरिकी उपराष्ट्रपति है, वे शुक्रवार को राष्ट्रपति पद संभालने वाली अमेरीका की पहली महिला बन गईं है. उन्होंने अमेरीका की पहली महिला राष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा है. हालांकि उन्होंने 85 मिनट के लिए ही पद संभाला था. आपको बता दें कि कमला हैरिस भारतीय मूल की है. यह भारतीय लोगों के लिए भी गौरव की बात है कि भारतीय मूल की महिला ने अमेरीका का राष्ट्रपति पद संभाला.
US President Joe Biden will transfer power to Vice President Kamala Harris today for the period during which he will be under anesthesia for a routine colonoscopy he will undergo as part of his annual physical: Reuters
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— ANI (@ANI) November 19, 2021
क्यों सौंपा गया पद
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन शुक्रवार को अपना रूटीन ‘कोलोनस्कॉपी’ चेकअप करवाने के लिए वाल्टक रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर गए थे. द व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बताया कि ‘कोलोनस्कॉपी’ के दौरान बाइडन ‘एनिसथीसिया’ के प्रभाव में रहेंगे इसलिए उन्होंने कुछ समय के लिए अपना पद हैरिस को सोंपा हैं. साकी ने आगे यह भी बताया कि स्थानीय समयानुसार बाइडन ने 11 बजकर 35 मिनट पर हैरिस और व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ रोन क्लैन से बातचीत की, जिसके बाद हैरिस ने अपना दायित्व संभाल लिया.
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कई फर्स्ट बना चुकीं कमला
उपराष्ट्रपति हैरिस ने अमेरिका की पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई कुछ मिनटों के लिए ही सही लेकिन राष्ट्रपति पद धारण करके इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे शब्दों में लिखवाया है. वह अमेरिका की पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई मूल की उपराष्ट्रपति बनी थीं.
पहले भी हो चुकी है प्रसिडेंशियल पावर ट्रांसफर
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आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब उपराष्ट्रपति को प्रसिडेंशियल पावर सौंपा गया हो. यूएस में यह रूटीन प्रोसेस है कि राष्ट्रपति के ऐसे मेडिकल प्रॉसिजर से गुजरने पर, जहां उन्हें एनेस्थीसिया दिया जाता है और उपराष्ट्रपति को प्रेसिडेंशियल पावर सौंप दी जाती हैं. जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन उपराष्ट्रपति डिक चेनी को कई बार प्रेसिडेंशियल पावर संभालनी पड़ी थी. अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन के सेक्शन-3 के तहत प्रेसिडेंशियल पावर ट्रांसफर का अधिकार दिया गया है. जानकारी के मुताबिक ट्रंप ने नहीं दी थी कॉलोनोस्कोपी की जानकारी. यह बात उनकी एक्स-प्रेस सेक्रेटरी स्टेफनी ग्रिश्म ने दी थी. उन्होंने उपराष्ट्रपति को प्रसिडेंशियल पावर सौंपना तो दूर किसी को यह बात बताई तक नहीं थी.
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