जब भी हम जेंडर यानि लैंगिक समानता (Gender Equality) की बात करते हैं तो क्राइम या समान सैलरी जैसे विषयों पर बात होती है. अब जैसे जैसे जमाना बदल रहा है, नई सोच के साथ औरतों और लड़कियों को पुरूषों जैसी समानता भी दी जा रही है. जेंडर इक्वालिटी का विषय हमेशा चर्चा में रहता है. जेंडर इक्वालिटी को बढ़ावा देने के लिए केरल की एक स्कूल ने नई मुहीम दी है. केरल के इस स्कूल ने लैंगिक समानता के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है.
Kochi: A Kerala govt primary school in Valayanchirangara, Ernakulam district has introduced gender-neutral uniform
Decision was implemented in 2018. It made the children confident; the idea is boys & girls should have equal freedom: Suma KP, Headmistress in-charge (19.11) pic.twitter.com/gZWgRft0dM
— ANI (@ANI) November 20, 2021
बता दें कि सभी लिंग बाधाओं को तोड़ने की पहल में, केरल में एर्नाकुलम जिले के पेरुंबवूर के पास वलयनचिरंगारा में एक सरकारी निम्न प्राथमिक विद्यालय ने एक लिंग-तटस्थ (Gender Neutral) यानि समान वर्दी की शुरुआत की. इसमें 754 छात्रों की संख्या है, जिन्होंने लैंगिक समानता की दिशा में पहला कदम उठाया है और अपने छात्रों के लिए एक नई वर्दी पेश की है – एक 3/4 शॉर्ट्स और शर्ट. सभी छात्र चाहे वो लड़की हो या लड़का, छात्रों को शर्ट और तीन चौथाई ट्राउज़र पहनना होगा. इससे लड़कियों को बिना किसी झिझक के स्वतंत्र रूप से घूमने में भी आसानी होगी.
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निर्णय 2018 में लागू किया गया था, पूर्व प्रधानाध्यापिका सी राजी ने कहा, “यह एक अच्छी दृष्टि वाला स्कूल है. जब हम स्कूल में लागू करने के लिए कई कारकों के बारे में बात कर रहे थे तो लैंगिक समानता मुख्य विषय था. इसलिए, वर्दी दिमाग में आई. जब मैं सोच रही थी कि इसके साथ क्या किया जाए, तो मैंने देखा कि लड़कियों को स्कर्ट के मामले में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बदलाव के विचार पर सभी के साथ चर्चा की गई थी. 90 प्रतिशत माता-पिता ने उस समय इसका समर्थन किया था. बच्चे भी इस बात से खुश थे. मैं बहुत खुश और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं कि अब इस पर चर्चा हो रही है.”
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नए ड्रेस कोड की योजना 2018 में बनाई गई थी और इसे स्कूल के निचले प्राथमिक खंड में पेश किया गया था और इस शैक्षणिक वर्ष में, जब महामारी प्रेरित लॉकडाउन के बाद स्कूलों को फिर से खोल दिया गया था, तो इसे सभी छात्रों के लिए बढ़ा दिया गया है. सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने कहा कि यह एक सराहनीय कदम है और सरकार इस तरह की लैंगिक समावेशी गतिविधियों को बढ़ावा देगी.
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