Kuldhara Village Story: हमारे देश में कई ऐसे शहर जो अपने दामन में अनेक रहस्यों को समेटे हुए है। इन शहरों में काफी सालों पहले ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनके रहस्य से आज तक भी पर्दा नहीं उठ पाया हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही घटना के बारे में रूबरू करवाएंगे जिसका इतिहास आज भी बड़ा डरवाना हैं। राजस्थान के जैसलमेर में स्थित कुलधरा गांव (Kuldhara Village Story) जिसके बारें में जानकर आपकी रुंह कांप जाएगी। कुलधरा गांव पिछले 200 सालों से आज भी वीरान पड़ा हैं। इस गांव के हजारों लोग एक ही रात में पूरा गांव खाली करके चले गए थे। और जाते-जाते इस गांव को श्राप दे गए थे। तभी ये गांव वीरान पड़ा हैं।
कहा जाता हैं कि यह गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं। कभी यह एक हंसता खेलता गांव हुआ करता था ,लेकिन आज डरवाने खंडर में तब्दील हो गया हैं। यहां हर रोज हजारों की संख्या में पर्यटक रोजाना घूमने आते हैं। लेकिन शाम होते ही यहां कोई नहीं रुकता हैं। इस गांव के लिए लोगों का मानना हैं कि जो शाम के समय बाद यहां आया वो किसी ना किसी हादसे का शिकार हुआ हैं। अब सबसे बड़ा रहस्य आज भी ये ही बना हुआ हैं कि आखिर ऐसी क्या घटना हुई जिसके चलते हंसता-खेलता पूरा गांव एक ही रात में वीरान हो गया।
कुलधरा गांव की पूरी कहानी (Kuldhara ki Kahani)
कुलधरा के इतिहास से जुड़ी एक कहानी हैं। जिसके मुताबिक आज से करीब 200 वर्ष पहले पहले इस क्षेत्र में 84 गांव पालीवाल ब्राह्मणों के हुआ करते थे। यहां की रियासत का दीवान सालम सिंह था, जिसकी बुरी नजर गांव की लड़की पर पड़ गई। उस लड़की के प्यार में पागल दीवान सालम सिंह ने गांव वालों को चेतावनी दी उस लड़की से शादी की जिद पर अड़ गया। इसके बाद रहने वाले सभी लोगों ने कुंवारी लड़की के सम्मान और अपने आत्मसम्मान के लिए गांव को खाली करने का फैसला लिया। उस रात का वीरान हुआ कुलधरा आज तक वीरान हैं।
बताया जाता हैं कि जब पालीवाल ब्राह्मणों ने गांव खाली करने का फैसला लिया था तभी उन्होंने इस जगह को श्राप दिया था। उस दिन के बाद से आज तक यहां रूहानी ताकतों का वास हैं। इस गांव में शाम के समय कभी ना कभी आवाज़ें सुनाई देती हैं। इस गांव के लिए कहा जाता हैं यहां कोई गाड़ी आती है तो उसके पीछे एक पैर और एक हाथ का निशान बन जाता है। यह जगह काफी डरवानी हैं यहां शाम ढलने के बाद अंदर जाने की अनुमति प्रशासन भी नहीं देता हैं।
पालीवाल ब्राह्मणों द्धारा बसाया गया था कुलधरा:
राजस्थान के जैसलमेर की पहचान यहां की गर्मी की वजह से भी दुनिया भर में होती हैं। गर्मियों एक दिनों में 50 डिग्री तक तापमान चला जाता हैं जिसके कारण रेतीली मिट्टी आग की तरह तपती हैं। लेकिन कुलधरा गांव 200-250 वर्ष पूर्व बिल्कुल वैज्ञानिक तरीके के साथ बसाया गया था। जिसके प्रमाण आज भी यहां जाने पर मिल जाते हैं। कुलधरा जैसलमेर से महज 18 किमी. दूर स्थित हैं। भीषण गर्मी के बावजूद इन मकानों में शीतलता का अहसास होता हैं। इन सभी घरों में झरोखे बने हुए थे, जिनसे गुज़र कर गर्म हवा भी ठंडी हो जाती थी। घरों के अंदर बने कुंड, ताक और सीढि़यां भी काफी अलग तरीके से ही बनाई गई थी।
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कैसे पहुंचे जा सकता है कुलधरा:
अगर आप भी यहां जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए पहले जयपुर या जोधपुर आना होगा। जयपुर से जैसलमेर की दूरी करीब 550 किमी. के पास हैं। यहां से आप ट्रैन या बस से आसानी से पहुंच सकते हैं। जैसलमेर से इस जगह की दूरी केवल 18 किमी. हैं। गाड़ी किराये पर लेकर भी वहां पर जाया जा सकता है। यहां आने का सबसे उत्तम समय नवंबर से लेकर फरवरी-मार्च तक माना जाता है। उसके बाद इस क्षेत्र में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो जाता हैं। हर दिन इस गांव को देखने के लिए हजारों पर्यटक आते हैं।
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