नई दिल्ली: दिल्ली विधान सभा के अंदर सुरंग है इस बात की चर्चा काफी सालों से होती आ रही है। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बताया कि विधान सभा में मिली लंबी सुरंग का दूसरा हिस्सा लाल किले पर निकलता है। सुरंग का उपयोग अंग्रेजों द्वारा किया जाता था। ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि अंग्रेजों ने ही यह सुरंग का निर्माण करवाया होगा।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने बताया,“ये गुफा विधानसभा और लाल किले को जोड़ती है। इसके इतिहास पर अभी पूरी तरह स्पष्टता नहीं है लेकिन इस सुरंग का इस्तेमाल अंग्रेज़ों द्वारा किया जाता था। इसके ज़रिये वो स्वतंत्रता सेनानियों को एक से दूसरी जगह ले जाते थे, ताकि उन्हें किसी रुकावट या कार्रवाई का सामना न करना पड़े”।
खबरों के मुताबिक, फिलहाल सुरंग का एकहिस्सा खोल दिया गया है और जल्द ही मरम्मत करवाई जाएगी। अभी खुदाई को रोक दिया गया है, क्योंकि सुरंग का काफी हिस्सा मेट्रो प्रोजेक्ट्स और सीवर कार्यों की वजह से डैमेज हो चुका है। इसलिए खुदाई ज्यादा की नहीं जा सकती।
विधान सभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल, Image Credit: Twitter
इसलिए किया जाता था सुरंग का उपयोग,
विधान सभा के अध्यक्ष ने बताया, “1912 में जब देश की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली शिफ्ट किया गया था तो इस जगह का इस्तेमाल केंद्रीय विधानसभा के तौर पर होता था। भारतीय नेता यहां बैठते थे, कुल 58 लोग यहां बैठते थे, जिनमें सभी ब्रिटिश थे। 1926 में अंग्रेज़ों ने इसका न्यायालय के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। सुरंग के जरिये क्रांतिकारियों को लाल किले से न्यायालय तक लाया जाता था”। अंग्रेजों ने सुरंग को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था।
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‘क्रांतिकारियों का मंदिर’
राम निवास गोयल ने ये भी बताया कि दिल्ली विधानसभा परिसर में ही एक कमरा है, जिसके बारे में कहा जाता रहा है कि ये अंग्रेज़ों के समय फांसी गृह माना जाता था। अब ‘क्रांतिकारियों का मंदिर’ के तौर पर विकसित किया जाएगा। सुरंग के आगे का काम PWD द्वारा संभाला जाएगा। अगली 15 अगस्त तक इस टनल को पर्यटक के लिए खोल जा सकता है।
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