Magh Month 2022:माघ महीने को हिंदू धर्म में इतना पवित्र मान जाता है कि इसका नाम ही भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर रखा गया है. कहते हैं कि पहले इस महीने का नाम माध हुआ करता था जो माधव(Madhav) के नाम पर पड़ा था लेकिन कालांतर में इसका नाम बदलते-बदलते माघ हो गया. ये महीना इतना पावन है कि अगर आपने पूरे महीने श्री हरि के नाम का जाप भी कर लिया तो आप भवसागर को पार कर जाएंगे. आपको इस महीने में किए जाने वाले उन 5 कार्यों के बारे में बताएंगे जो आपके घर में सुख-समृद्धि के द्वार खोल सकते हैं.
गंगा स्नान का है विशेष महत्व
सबसे पहला कार्य गंगा स्नान(Ganga Snan) है, खैर अगर आप ऐसी जगह रहते हैं जहां गंगा नदी नहीं है तो भी घबराने की जरूरत नहीं है, गंगा स्नान की बजाय आप नदी या तालाब में भी स्नान कर सकते हैं. पौराणिक मान्यता है कि माघ के महीने में सूर्योदय के पूर्व स्नान करने और भगवान के सुमिरन करने से व्यक्ति के घर में न सिर्फ सुख-समृद्धि और उसका यश बढ़ता है, बल्कि मरने के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है, क्योंकि माघ का महीना(Magh Month 2022) श्रद्धालुओं को उनकी इच्छा के अनुरूप फल देने वाला माना जाता है.
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माघ के महीने में ये चीजें जरूर करें दान
दूसरा कार्य दान से जुड़ा है, जिसका आजकल लोप होता जा रहा है, मतलब पहले की तुलना में अब काफी कम ही लोग दान करना पसंद करते हैं. लेकिन माघ के महीने में अगर आप अन्न दान के साथ-साथ तिल और गुड़ का दान करते हैं तो आपको विशेष फल की प्राप्ति होती है. ध्यान देने योग्य बात ये है कि आपको मुद्रा यानि रुपये पैसे का दान देने के पीछे नहीं भागना है. क्योंकि जिसकी जितनी सामर्थ्य है, उसकी उतनी ही भक्ति से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं, बस भक्ति सच्चे दिल से होनी चाहिए.
कल्पवास का भी है विधान
तीसरी और सबसे बड़ा कार्य ये है कि माघ के महीने(Magh Month 2022) में कल्पवास का विधान है. कल्पवास का मतलब नदी के तट पर कुटिया बनाकर रहना है. जैसे प्राचीन काल में साधु-संत कुटिया में रहा करते थे ठीक उसी प्रकार इस महीने व्यक्ति को नदी के तट पर कुटिया बनाकर रहना चाहिए, हालांकि अगर संगम किनारे व्यक्ति कुटिया बनाकर रहे तो उसका विशेष फल मिलता है. आपने देखा होगा कि माघ के महीने में प्रयागराज(Prayagraj) और हरिद्वार(Haridwar) जैसे तीर्थ स्थल पर मेले का आयोजन होता है जहां सैकड़ों साधु-संत पहुंचते हैं.
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इन 5 कार्यों से होगी सुख-समृद्धि की प्राप्ति
इसके अलावा चौथा कार्य पूजा-अर्चना करना है. इस महीने में माधव की पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है, इसलिए विधि-विधान से श्री हरि नारायण की पूजा जरूर करें. साथ ही आखिरी और पांचवां कार्य पूरे महीने सत्संग में शामिल होना है.
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कहते हैं कि सत्संग सुनने का फल व्यक्ति के दान-पुण्य से भी कई गुना ज्यादा है. इसलिए अगर आप स्नान, दान, कल्पवास, पूजा और सत्संग सुनते हैं तो आपके घर में सुख-समृद्धि को आने से कोई नहीं रोक सकता.
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