Mahant Narendra Giri Death: राम मंदिर से जुड़ा एक बड़ा नाम और अखिल भारतीय परिषद के अध्यक्ष संत महंत नरेंद्र गिरि, आज हमारे बीच नहीं हैं. सोमवार की शाम लखनऊ वासियों के लिए अफसोस मय रही. जब यह खबर सामने आई कि अखिल भारतीय परिषद के संत महंत गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है. प्रयागराज के मठ में उनका शव कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला. हालांकि शुरुआती जांच में पुलिस ने इसे आत्महत्या माना था. लेकिन जैसे- जैसे समय बीत रहा है वैसे- वैसे महंत गिरी की मौत को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. महंत गिरि की मौत पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें कई नामों का जिक्र किया गया है. तो कौन है महंत गिरी, क्या थे उनके राजनीतिक संबंध, और आखिर कौन लोग हैं महंत की मौत की वजह.आइये जानते हैं।
कौन हैं महंत नरेंद्र गिरी
राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा वो नाम जिसकी मौत के बाद एक नए विवाद को जन्म मिल गया है. अखिल भारतीय परिषद के अध्यक्ष की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की है. हालांकि पुलिस ने अभी तक महंत गिरि के शिष्य आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया है.
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥प्रयागराज स्थित श्री मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचकर महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि उन्हें अपने परम धाम में स्थान प्रदान करें। pic.twitter.com/bf4ykHx7Ui
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 21, 2021
महंत गिरि (Mahant Narendra Giri Death) अपने आप में वो नाम थे जिनका मठ में अपना अलग रुतबा था. ना ही मानने वालों की कमी ना ही शिष्यों की. लेकिन मठ के अध्यक्ष की यूं संदिग्ध स्थिति में मौत कई सवालों को खड़ा कर रही है. सबसे पहले यह जान लेते हैं कि संत महंत गिरि आखिर हैं कौन, दरअसल महंत नरेंद्र गिरी राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा वो नाम जिसने राम मंदिर बनाने के लिए एक अहम भूमिका निभाई. 2019 में ही महंत गिरि को अखाड़े का अध्यक्ष चुना गया था. साथ ही महंत गिरि संगम तट पर लेटे हुमान मंदिर के भी महंत थे. आपको बता दें कि अखिल अखाड़ा परिषद की ओर से देश के 13 अखाड़ों को मान्यता हासिल है।
राजनीतिक संबंध
अब बात उनके राजनीतिक संबंध की करें तो महंत गिरि का रुतबा अलग ही रहा है. राज्य में चाहे सपा, बसपा की सरकार हो या बीजेपी की. महंत गिरि का रुतबा हर सरकार में एक समान रहता था. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या फिर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव हर पार्टी के दिग्गज नेता के साथ महंत गिरि के संबंध खास थे. लेकिन 2017 से ही महंत गिरि की नजदीकी बीजेपी के साथ बढ़ गई. इसकी वजह योगी आदित्यनाथ को ही माना जाता है. क्योंकि योगी आदित्यनाथ खुद एक संत हैं इसलिए उनके संबंध नरेंद्र गिरि के साथ काफी खास माने जाते थे. हालांकि 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गंगा पूजन कराने का काम महंत नरेंद्र गिरि ने किया था. इसलिए लिए गिरि की मौत पर पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर श्रद्धाजंलि दी है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2021
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सुसाइड नोट ने खोला मौत का राज़
साथ ही ये भी जान लेते हैं कि गिरि नरेंद्र गिरि की मौत की वजह आखिर क्या हैं और जो सुसाइड नोट मिला है उसमें किन बातों का जिक्र किया गया है. दरअस पुलिस की जांच में महंत गिरि के कमरे से 8 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ है. पुलिस की माने तो इस सुसाइड नोट में उनके शिष्य आंनद गिरि का जिक्र किया गया है. साथ ही इस नोट में आद्या तिवारी और संदीप तिवारी इन दो नामों का भी जिक्र है. आद्या तिवारी लेटे हनुमान जी मंदिर के वरिष्ठ रहे पुजारी हैं और संदीप उनके बेटे हैं. हालांकि सुसाइड नोट में इन दोनों का ही नाम सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. पुलिस की माने तो इस सुसाइड नोट में महंत ने आत्महत्या की बात लिखी है साथ ही अपना वसीयतनामा भी लिखा है. हालांकि महंत गिरि की मौत के पीछी अखाड़े की जमीन का विवाद भी सामने आ रहा है. आपको बता दें कि महंत गिरि ने आंनत गिरि को अखाड़े से बाहर कर दिया था. इसके बाद से ही अखाड़े की जमीन को लेकर विवाद सामने आ रहे थे.
बहरहाल अब संत महंत गिरि की मौत के बाद कई लोगों पर सवाल खड़े हो रहे है लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात को साफ कर दिया है कि हर एंगल से इस पूरे मामले की जांच की जाएंगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन अब देखना होगा कि आगे की कार्रवाई में क्या कुछ सामने आता है।
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