Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर गंगा स्नान की महिमा इतनी है कि कहते हैं कि सात जन्मों तक के पाप धुल जाते हैं. सिर्फ खुद ही नहीं बल्कि पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति के त्यौहार के मौके पर हर जगह की अपनी अलग-अलग परंपरा है. कहीं दही-चूड़ा, कहीं खिचड़ी तो कहीं पतंगबाजी का क्रेज देखने को मिलता है. लेकिन एक बात जो सामान्य है वह यह है कि इस दिन गंगा स्नान की खास महिमा है.
राजा भगीरथ से जुड़ी है कहानी
मकर संक्रांति(Makar Sankranti 2022) के दिन गंगा स्नान को लेकर शास्त्रों में एक कथा का उल्लेख मिलता है, जिसमें राजा सगर के 60 हजार पुत्रों की मृत्यु, राजा भगीरथ की घोर तपस्या, मां गंगा का पृथ्वी पर आना और राजा सगर(King Sagar) के पुत्रों के उद्धार का जिक्र है. कथा के मुताबिक राजा सगर इतने प्रतापी और पुण्यात्मा थे कि उनकी चर्चा चहुंओर थी, अपने पुण्य के प्रभाव से उन्होंने तीनों लोक में प्रसिद्धि हासिल कर ली थी.
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इंद्रदेव ने चुराया राजा सगर का घोड़ा
तीनों लोक में प्रसिद्ध होने के बाद राजा सगर ने एक बार अश्वमेध यज्ञ के बारे में विचार किया. अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा छोड़ने की तैयारी इधर राजा सगर के राजमहल में चल रही थी तो उधर इंद्रदेव ये सोचकर चिंतित थे कि कहीं सगर स्वर्गलोक के भी राजा न बन जाएं. ऐसा विचारकर इंद्रदेव ने राजा सगर के घर से अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा चोर कर लिया और उसे कपिल मुनि(Kapil Muni) के आश्रम के पास बांध दिया.
कपिल मुनि ने राजा सगर के पुत्रों को किया भस्म
राजा सगर ने अपने 60 हजार पुत्रों को ये आज्ञा दी कि घोड़ा खोजकर लाएं, जब राजा सगर के पुत्र कपिल मुनि के आश्रम के पास पहुंचे तो वहां घोड़ा बंधा देख क्रोधित हो उठे. उन्होंने कपिल मुनि पर चोरी का आरोप लगा दिया, जिससे क्रोधित कपिल मुनि ने सभी को भस्म कर दिया. इस दुखद ख़बर की जानकारी जैसे ही राजा सगर को मिली वह कपिल मुनि के आश्रम में पहुंचे और पुत्रों के लिए क्षमा की याचना की.
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राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न हुईं मां गंगा
तब कपिल मुनि ने कहा कि इसका सिर्फ एक ही रास्ता है, मां गंगा(Ganga) जब धरती पर आएंगी तभी इनका उद्धार हो सकेगा. राजा सगर के पोते ने मां गंगा को धरती पर लाने का प्रण लिया, उनकी मृत्यु के बाद राजा भगीरथ ने अपने कठोर तप से मां गंगा को प्रसन्न किया लेकिन मां गंगा अगर अपने वेग से पृथ्वी पर आतीं तो सबकुछ तहस-नहस हो जाता.
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गंगा स्नान से धुल जाते हैं सारे पाप
इसलिए राजा भगीरथ(Raja Bhagirath) ने फिर भगवान भोले की तपस्या कर उन्हें अपने जटाओं के जरिए मां गंगा को धरती पर उतरने का वरदान मांगा. राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर फिर मां गंगा पृथ्वी पर आईं, राजा सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार हुआ और गंगा सागर के पास जाकर समुद्र में मिल गईं, उस दिन मकर संक्रांति(Makar Sankranti 2022) की तिथि थी, इसलिए तभी से ये मान्यता है कि इस दिन गंगासागर(GangaSagar) में गंगा स्नान करने से इंसान को सात जन्मों तक के पापों से मुक्ति मिलती है.
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