Malala Yousafzai Husband: महिला अधिकार के लिए तालिबान चरमपंथियों का सामने करने वाली मलाला यूसुफ़ज़ई ने निकाह कर लिया है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफ़ज़ई ने ब्रिटेन में शादी की है। मलाला के पति का नाम असर मलिक है। मलाला यूसुफ़ज़ई (Malala Yousafzai Husband) ने अपनी जिंदगी में एक नई पारी की शुरुआत की है। इसकी जानकारी खुद मलाला ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए शेयर की है। उन्होंने अपनी शादी की कुछ फोटोज भी साझा की है। मलाला-असर की शादी ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर हुई है।
मलाला यूसुफ़ज़ई ने असर मलिक के साथ किया निकाह:
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफ़ज़ई पिछले काफी समय से असर के साथ रिलेशनशिप में थी। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा कि ”आज मेरे जीवन का अनमोल दिन है। असर मलिक और मैं जीवनभर के लिए शादी के बंधन में बंध गए हैं। उन्होंने ट्वीट में ये भी लिखा कि हमने बर्मिघम में अपने परिवारजनों के साथ एक छोटा निकाह समारोह आयोजित किया। हमें दुआएं दें। हम एक साथ इस सफर को बिताने के लिए उत्साहित हैं।
पाकिस्तान के रहने वाले है असर मलिक :
मलाला यूसुफ़ज़ई जो एक नोबेल शांति जैसा दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार जितने वाली महिला है। मलाला ने अपनी छोटी से उम्र में वो किया जो लोग कई सालों तक नहीं कर पाते। ऐसे में उनके पति के बारे में लोग गूगल पर खूब सर्च कर रहे है। मलाला के पति असर मलिक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के नेशनल हाई परफ़ॉर्मेंस सेंटर में जेनरल मैनेजर हैं। असर ने लाहौर यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की पढ़ाई की। अभी वो पाकिस्तान सुपर लीग की टीम मुल्तान सुल्तान्स के साथ भी जुड़े हैं।
Today marks a precious day in my life.
Asser and I tied the knot to be partners for life. We celebrated a small nikkah ceremony at home in Birmingham with our families. Please send us your prayers. We are excited to walk together for the journey ahead.
📸: @malinfezehai pic.twitter.com/SNRgm3ufWP— Malala (@Malala) November 9, 2021
आतंकियों से भी लोहा लिया मलाला यूसुफजई ने:
बता दें मलाला यूसुफजई का जन्म पाकिस्तान में हुआ। पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा और महिला अधिकार की हिमायत करने वाली मलाला यूसुफजई पर तालिबान आतंकियों ने 2012 में हमला किया। उस समय मालाला की आयु सिर्फ 11 साल थी। लड़कियों की शिक्षा और अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली मलाला पाकिस्तान में आतंकियों के निशाने पर रहीं। लेकिन इसके बावजूद मलाला निडर रही, वो आतंकियों से डरी नहीं और महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती रही।
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