Mayawati Attacks on Congress: हाल ही में राजस्थान में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में कई दलित नेताओं को बड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। इससे माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान पंजाब (Mayawati Attacks on Congress) की तरह राजस्थान में भी दलित कार्ड खेला है। क्योंकि राजस्थान में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन से पहले कैबिनेट में एक भी दलित मंत्री शामिल नहीं था।
जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी तब एक मात्र दलित नेता मा. भंवरलाल मेघवाल को कैबिनेट मंत्री बनाया था। लेकिन उनका निधन होने के कारण ये पद खाली हो गया था। इससे पहले पंजाब में भी चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला था। राजस्थान में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में दलित नेताओं को जगह मिलने पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।
1.कांग्रेस द्वारा पार्टी के गिरते जनाधार को रोकने व राजनीतिक स्वार्थ हेतु पंजाब में विधानसभा आमचुनाव से ठीक पहले दलित को सीएम बनाना तथा अब राजस्थान में कुछ एससी/एसटी मंत्री बनाकर उसको भाजपा द्वारा केन्द्रीय मंत्रिमण्डल विस्तार की तरह इनके हितैषी होने का ढिंढोरा पीटना शुद्ध छलावा।
— Mayawati (@Mayawati) November 21, 2021
दलित हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही है कांग्रेस: मायावती
बसपा सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ”कांग्रेस द्वारा पार्टी के गिरते जनाधार को रोकने व राजनीतिक स्वार्थ हेतु पंजाब में विधानसभा आमचुनाव से ठीक पहले दलित को सीएम बनाना तथा अब राजस्थान में कुछ एससी/एसटी मंत्री बनाकर उसको भाजपा द्वारा केन्द्रीय मंत्रिमण्डल विस्तार की तरह इनके हितैषी होने का ढिंढोरा पीटना शुद्ध छलावा।”
इसके बाद एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि ”ख़ासकर कांग्रेस पार्टी ने इनके मसीहा व संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आदर-सम्मान देना व भारतरत्न से सम्मानित करना तो दूर बल्कि हमेशा उनकी उपेक्षा व तिरस्कार किया है, तो फिर इन जैसी जातिवादी पार्टियाँ एससी/एसटी व ओबीसी की सच्ची हितैषी कभी कैसे हो सकती हैं?
किसानों की जायज मांगों का करें समाधान: मायावती
इसके बाद मायावती ने किसान आंदोलन को लेकर भी ट्वीट किया। इसमें मायावती ने लिखा पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लगभग एक वर्ष से आन्दोलित किसानों की तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की माँग स्वीकारने के साथ-साथ उनकी कुछ अन्य जायज माँगों का भी सामयिक समाधान जरूरी ताकि वे संतुष्ट होकर अपने-अपने घरों में वापस लौट कर अपने कार्यों में पूरी तरह फिर से जुट सकें।
इसके आगे लिखा साथ ही, कृषि कानूनों की वापसी की केन्द्र सरकार की खास घोषणा के प्रति किसानों में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है कि भाजपा के नेताओं की बयानबाजी पर लगाम लगे जो पीएम की घोषणा के बावजूद अपने भड़काऊ बयानों आदि से लोगों में संदेह पैदा करके माहौल को खराब कर रहे हैं।
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