जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti House Arrest) को नजरबंद किए जाने की ख़बर सामने आने के बाद से ये चर्चा तेज हो गई कि क्या महबूबा मुफ्ती को दोबारा नजरबंद किया गया है. अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन ख़बरों को लेकर अपना बयान जारी किया है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दिया ये बयान
जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती(Mehbooba Mufti) को नजरबंद नहीं किया गया है, बल्कि श्रीनगर की प्रेस कॉलोनी में महबूबा मुफ्ती एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जा रही थी, जहां उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी गई.
#UPDATE | PDP president Mehbooba Mufti was on the way to Press Colony in Srinagar to participate in a protest but police did now allow her to move towards the site due to security reasons. She is not under house arrest: Senior J&K Police officer pic.twitter.com/EsNBdaFWFi
— ANI (@ANI) November 17, 2021
पहले भी किया गया था हाउस अरेस्ट
मतलब जम्मू-कश्मीर पुलिस(Jammu & Kashmir Police) के मुताबिक महबूबा मुफ्ती को हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है. बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया था. लंबे समय बाद महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) समेत कई नेताओं की नजरबंदी खत्म की गई थी. हाल ही में श्रीनगर के हैदरपोरा एनकाउंटर को लेकर महबूबा मुफ्ती ने सवालिया निशाना खड़े किए हैं. साथ ही इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
Magisterial inquiry by ADM-rank officer ordered in Hyderpora encounter.Govt will take suitable action as soon as report is submitted in a time-bound manner. JK admn reiterates commitment of protecting lives of innocent civilians&it'll ensure there's no injustice: Office of J&K LG pic.twitter.com/qqWNI17KN7
— ANI (@ANI) November 18, 2021
हैदरपोरा एनकाउंटर पर उठाए सवाल
हैदरपोरा एनकाउंटर (Hyderpora Encounter) के विरोध में ही श्रीनगर में बुधवार को रैली निकाली गई थी, जिसके बाद महबूबा मुफ्ती ने ये बयान दिया था कि आतंकवाद के नाम पर स्थानीय नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है. उससे पहले महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा कि स्थानीय नागरिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इन्हें कहा जा रहा है कि यह आतंकियों के ऑन ग्राउंड वर्कर हैं, जबकि सच ये नहीं है. इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके.
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आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन
बता दें कि मुठभेड़ ( Hyderpora Encounter) के बाद ये जानकारी सामने आई थी कि दो आतंकियों के अलावा एक स्थानीय नागरिक जिसकी पहचान 44 साल के अल्ताफ के रूप में की गई है, मारा गया है. सुरक्षाबलों का कहना है कि वह आतंकियों की मदद कर रहा था. कुल चार लोगों के मुठभेड़ में मारे जाने की जानकारी सामने आई है. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबल लगातार ऑपरेशन चल रहे हैं.
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