केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह(Amit Shah) ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स(ICC) की एक बैठक में पूर्वोत्तर भारत को सशक्त बनाने के विषय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना संबोधन दिया. इस दौरान गृहमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के विकास के बिना पूर्वी भारत का विकास संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि आजादी से पहले असम की प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा थी. जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, इसका एक हिस्सा है शहीदों को याद करना और दूसरा है 75 से 100 साल तक हम भारत को कहां से कहां पहुंचाना है, इसका संकल्प है.
‘पूर्वोत्तर को हर दृष्टि से भारत से जोड़ने की जरूरत’
केन्द्रीय गृहमंत्री(Amit Shah) ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने इस 25 साल को आजादी का अमृत काल कहा है. जहां तक आर्थिक विकास का क्षेत्र है, उसमें भी प्रधानमंत्री जी ने 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा है. मैंने 21 दिन तक सड़क मार्ग से पूर्वोत्तर का दौरा किया है. यह हमारे लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जब तक इसे हर दृष्टि से भारत से नहीं जोड़ा जाता, हर दृष्टि से जब तक इसे भारत के समान नहीं कर सकते, तब तक इसका विकास संभव नहीं है.
Addressing a session on ‘Bharat at 75- Empowering North East India’ at the Annual Session and AGM of the Indian Chamber of Commerce (@indianchamber15) via video conferencing. Watch live! https://t.co/QjwI0nJVQQ
— Amit Shah (@AmitShah) November 25, 2021
पिछली सरकारों पर साधा निशाना
यहां की सीमाएं पांच देशों के साथ जुड़ी है. देश के फॉरेस्ट लेवल का 25 प्रतिशत पूर्वोत्तर में है. एक दृष्टि से पूर्वोत्तर भारत का फेफड़ा है. अगर इसके बचाए हुए ऑक्सीजन को हम न गिने दिक्कत हो सकती है. यहां 185 से ज्यादा बोलियां बोली जाती हैं. भारत के बाकी हिस्से और पूर्वोत्तर के हिस्से में मन की खाई खड़ी करने का काम पिछली सरकारों में किया गया.
‘मोदी सरकार ने मन की खाई को पाटने का काम किया’
केन्द्रीय गृहमंत्री(Amit Shah) ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि एक बार मैंने नागालैंड में एक दवा दुकान वाले से कहा कि मैं कलकत्ता से आया तो वह कहता है कि अच्छ भारत से आए हो. मैंने पूछा कि नागालैंड क्या भारत का हिस्सा नहीं है, तो उसने कुछ नहीं बोला. ऐसी हालत में पूर्वोत्तर का विकास संभव नहीं है. पीएम मोदी ने इस मन की खाई को पाटने का काम किया. हर 15 दिन में एक केन्द्रीय मंत्री को भेजने का काम किया. खुद पीएम मोदी 50 बार पूर्वोत्तर आ चुके हैं. औद्योगिक निवेश के लिए शांति काफी जरूरी है.
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आर्थिक विकास के लिए एक अच्छा माहौल जरूरी है और ये काम नरेन्द्र मोदी की सरकार(Modi Government) ने किया है. उन्होंने कहा कि साल 2024 तक पूर्वोत्तर की सभी राजधानियां एयरपोर्ट से जुड़ जाएंगी, साथ ही उन्होंने कहा कि 8 में से 7 राज्य रेल मार्ग से भी जुड़ जाएंगे.
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