कोरोना(Corona) महामारी ने जिस तरह से तबाही मचा रखी है, उससे ठीक होने के लिए अब तक कोई एक टैबलेट(Molnupiravir Tablet)सामने नहीं आई थी. जैसे बुखार के लिए पैरासिटामोल खाते हैं, वैसे कोरोना के लिए कोई एक टैबलेट नहीं था लेकिन अब मार्केट में नया टैबलेट आ चुका है, जिसका नाम है मोल्नुपिराविर(Molnupiravir) . इस टैबलेट को बनाया है ब्रिटिश कंपनी ने. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारे लिए यह ऐतिहासिक दिन है, मरीज घर बैठे इस दवा को ले सकते हैं.
वैक्सीन का विकल्प नहीं है टैबलेट
हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट(Health Expert) ने ये बातें जरूर साफ कर दी हैं कि इस टैबलेट का मतलब ये नहीं है कि ये वैक्सीन(Vaccine) का विकल्प है. बल्कि आपको कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन लेनी होगी. हां इतना जरूर है कि अगर अब कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो इस टैबलेट के जरिए उसे स्वस्थ किया जा सकता है. ब्रिटेन की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने कहा है कि इसके कोई साइड इफेक्ट(Side Effect) देखने को नहीं मिले हैं.
Congratulations India 🇮🇳
Further strengthening the fight against COVID-19, CDSCO, @MoHFW_INDIA has given 3 approvals in a single day for:
– CORBEVAX vaccine
– COVOVAX vaccine
– Anti-viral drug MolnupiravirFor restricted use in emergency situation. (1/5)
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 28, 2021
भारत में इस टैबलेट को मिली मंजूरी
ये बातें नवंबर महीने में बीते साल ब्रिटेन(UK) ने कही थी. उसके बाद अमेरिका ने भी कोविड मरीजों के इलाज के लिए इस दवा को मंजूरी दे दी. जहां तक भारत का सवाल है तो दिसंबर 2021 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसे मंजूरी देने को लेकर जानकारी दी थी. 28 दिसंबर 2021 को उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए CDSCO और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो वैक्सीन कोवैक्स और कोर्बीवैक्स के साथ-साथ एंटी वायरल दवा मोल्नुपिराविर(Molnupiravir) को भी मंजूरी दे दी है.
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भारत में कौन सी कंपनी कर रही निर्माण
अब आप सोच रहे होंगे कि भारत सरकार ने जब इसे मंजूरी दे दी है और ब्रिटेन ने भी कहा है कि इसे घर बैठे ले सकेंगे तो फिर ये दवा कैसे और कहां मिलेगी. तो ये जान लीजिए कि यहां अभी इसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. सिप्ला और सन फार्मा जैसी दवा बनाने वाली करीब 13 कंपनियां इसे भारत में बनाएंगी, जिसकी प्रक्रिया भी शायद शुरू हो चुकी है. यह सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर मरीजों को दिया जा सकेगा.
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कितनी होगी कीमत
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इसकी कीमत क्या होगी, क्या ये भी अन्य दवाओं की तरह महंगा होगा तो नहीं. इकोनॉमिक्स टाइम्स की ख़बर की मानें तो एक कैप्सूल की कीमत 35 रुपये होगी. 5 दिन में मरीज को 40 कैप्सूल लेने होंगे. मतलब इस दवा(Molnupiravir Tablet)से अगर किसी मरीज को ठीक होना है तो पूरे कोर्स की कीमत 1400 रुपये होगी. उम्मीद है कि अगले हफ्ते से ये दवा मार्केट में उपलब्ध हो जाएगी. कुल मिलाकर कोरोना के बढ़ते कहर के बीच ये दवा रामबाण साबित हो सकती है.
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