ट्रेन से सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है. अब आप जनरल कंपार्टमेंट में बैठकर भी रिजर्व क्लास जैसी सुविधा ले सकते हैं क्योंकि अब रेलवे की ओर से बायोमेट्रिक टोकन मशीन (Biometric Token Machine) लॉन्च कर दी गई है.
कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है. यह भारतीय रेलवे की ओर से बनाई गई खास सुविधा है. रेलवे में अब भीड़भाड़ से बचने के लिए इस तरह की मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा. वर्तमान में इस मशीन को दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर लॉन्च किया गया है. यह पहली बार है जब किसी रेलवे स्टेशन पर इस तरह की मशीन लगाई गई है.
South Central Railway has launched Biometric Token Machine services for Passengers at Secunderabad station.
This will help in facilitating smooth boarding of passengers into unreserved coaches and Also to identify any miscreant with the help of biometric captured. pic.twitter.com/pzvgx03zSK— Ministry of Railways (@RailMinIndia) September 19, 2021
आम तौर पर सामान्य डिब्बे में यात्रा करते समय भारी भीड़ का सामना करना पड़ता है. रेल प्रशासन भी इस भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. यह भीड़ बहुत खतरनाक हो सकती है, खासकर कोरोना काल को देखते हुए रेलवे ने ऐसा कदम उठाया है. यह मशीन स्टेशन पर दो गज की दूरी के नियम का उल्लंघन नहीं करेगी और टिकट वितरण भी बहुत आसान हो जाएगा.
बॉयोमीट्रिक टोकन मशीन
बायोमेट्रिक टोकन मशीन से प्रत्येक यात्री के लिए एक टोकन जेनरेट किया जाएगा और वही टोकन यात्री बारी-बारी से एक-एक करके ट्रेन में चढ़ेंगे. यह सुविधा सामान्य डिब्बों के लिए आरक्षित है क्योंकि आरक्षित वर्ग के यात्रियों को पहले से ही पता होता है कि वे किस सीट पर बैठना चाहते हैं. वहीं जनरल कम्पार्टमेंट में सीट पाने के चक्कर में लोग एक साथ भाग रहे होते हैं.
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जनरल कम्पार्टमेंट में इस तरह की भीड़ को ध्यान में रखते हुए मशीन को लॉन्च किया गया है. बता दें कि यह मशीन यात्री का नाम, पीएनआर नंबर, ट्रेन नंबर और सीट नंबर रिकॉर्ड करती है. यात्रियों को अपनी सारी जानकारी मशीन में डालनी होगी. बायोमेट्रिक मशीन तब व्यक्ति की फोटो और उसके फिंगरप्रिंट को कैप्चर करती है. यह सारी जानकारी मिलने के बाद यह मशीन यात्री के लिए एक टोकन जेनरेट करती है. टोकन पर यात्री का सीरियल नंबर और कैच नंबर लिखा होता है, यात्रियों को कैच नंबर के हिसाब से अपनी सीट पर बैठना होता है.
क्राइम कंट्रोल होगा
यह मशीन ट्रेनों में बढ़ते अपराध पर भी लगाम लगा सकती है क्योंकि रेलवे के पास ट्रेन में चढ़ने वाले सभी लोगों का रिकॉर्ड है. इसलिए अगर कोई ट्रेन में कुछ करता है तो उसे पकड़ना आसान हो जाता है। इसके अलावा बायोमेट्रिक मशीन से खींची गई फोटो और फिंगरप्रिंट से कोई भी अपराधी ट्रेन में चढ़ने से डरेगा यानी अब ट्रेन यात्रा ज्यादा सुरक्षित होगी.
सामान्य श्रेणी के यात्रियों को ट्रेन आने के घंटों पहले स्टेशन पर इकठ्ठा होना पड़ता है लेकिन इस सिस्टम से अब स्टेशन और प्लेटफॉर्म पर भीड़भाड़ पर काबू पाया जा सकेगा. यात्रियों को टोकन मिलने के बाद वह ट्रेन आने से 15 मिनट पहले प्लेटफॉर्म पर जाएंगे और आराम से अपनी सीट पर बैठ जाएंगे. टोकन मशीन रेलवे सुरक्षा बल की आवश्यकता को भी कम करती है. बायोमेट्रिक मशीन को पहली बार 17 सितंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था.
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