प्याज और लहसुन(Onion-Garlic Ban) ऐसी चीज है, जिसके बिना सब्जी में स्वाद नहीं आ सकता, ऐसा कई लोगों का मानना है. जो लोग खूब प्याज और लहसुन का इस्तेमाल करते हैं, उनके सामने तो बगैर प्याज-लहसुन के खाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती. आप शायद सुनकर चौंक जाएंगे कि दुनिया का सबसे सात्विक गांव बिहार(Bihar) के जहानाबाद(Jehanabad) जिले में है, जहां प्याज-लहसुन खाना तो छोड़िए लोग खरीदकर भी नहीं लाते.
प्याज-लहसुन पर है बैन
जानकारी के मुताबिक जहानाबाद जिले में स्थित त्रिलोकी बीघा(Triloki Village) गांव की पहचान कुछ ऐसी ही बन गई है कि वहां के लोग पूरी तरह से सात्विक है. सात्विक का मतलब बिल्कुल सादा भोजन करना, न तो प्याज-लहसुन खाना और ना ही मांस-मदिरा का सेवन करना. वैसे भी जिन घरों में प्याज-लहसुन नहीं जाता, वहां के लोग भला मांस और शराब को हाथ कैसे लगा सकते हैं.
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गांव के व्यक्ति ने की थी परंपरा तोड़ने की कोशिश
जब समाज के एक धड़े में इन चीजों का चलन तेजी से बढ़ा है, लोगों ने अपने खाने में प्याज-लहसुन तो छोड़िए मांस और मदिरा को भी शामिल कर लिया है तो किसी पूरे गांव का बगैर इसके बिना रहना आश्चर्यचकित तो जरूर करता है. हालांकि ऐसा नहीं है कि इस परंपरा को किसी ने तोड़ने की कोशिश नहीं की बल्कि गांव के एक व्यक्ति ने इस रूढ़िवादी परंपरा के खिलाफ जाते हुए प्याज-लहसुन खाने की शुरुआत की.
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देवताओं के श्राप की वजह से हुआ ऐसा
लेकिन गांव वाले कहते हैं कि उसके बाद उस व्यक्ति के घर में इतनी अनहोनी घटनाएं हुईं, कि उसके बाद पूरे गांव में किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वह इस नियम को तोड़ सके. हालांकि इस आधुनिकता से भरे जमाने में खाने को लेकर लगा हुआ प्रतिबंध अंधविश्वास के सिवा कुछ भी नहीं है, लेकिन ग्रामीण ऐसा मानते हैं कि गांव में स्थित मंदिर में स्थापित देवताओं के श्राप की वजह से ऐसा हुआ है, और लंबे समय से वह इसे मानते आ रहे हैं.
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