आपने सुना होगा कि भारत में तीन पवित्र पीपल हैं लेकिन क्या आपने देखें हैं ये तीन पवित्र पीपल। आइए जानते हैं सिद्धपुर के मोक्ष पीपल के बारे में। यह पीपल, गोगा पीपल और पारस पीपल के नाम से विख्यात है।
सिद्धपुर की पतली गलियों में, कल-कल बहती सरस्वती नदी के तट पर, पक्षियों के कलरव के बीच स्थित है सिद्धेश्वर महादेव, मंदिर के परिसर में स्थापित है प्राचीन मोक्ष पीपल। मोक्ष पीपल के निकट ही पांडवों की मूर्ति और राजवाड़ी दीवालों के अवशेष देखने को मिलते हैं।
पीपल के पास गोगा महाराज की अनेकों मूर्तियां और गोगा महाराज के अनेकों मठ मौजूद हैं। ऐसा माना जाता है नागपंचमी के दिन यहां गोगा महाराज साक्षात दर्शन देते हैं। कहा जाता है कि सिद्धपुर के रुद्रमहल के गर्भ में शेषनाग का अस्तित्व आज भी मौजूद है।
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बता दें कि मोक्ष पीपल यानी की गोगा पीपल के निकट ही गोगा महाराज का भव्य मंदिर स्थित है। इस मंदिर में गोगा महाराज की मूर्ति पर सुंदर मुकुट पहनाया गया है। मान्यताएं है कि सुंदर पगड़ी वाले गोगा भगवान के मात्र दर्शन से ही भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं। गोगा महाराज से लोगों की अटूट श्रद्धा जुड़ी हुई है. नागपंचमी के दिन भक्तों का तांता नजर आता है।
नदी किनारे स्थित निर्मल जल से भक्त स्नान कर खुद को धन्य मानते हैं। पवित्र स्थान पर पौराणिक सिद्धेश्वर महादेव का पवित्र मंदिर स्थित है। इस स्थान का धार्मिक रूप से अधिक महत्व है इस कारण दूर दूर से लोग यहाँ आकार पूजा पाठ करते हैं।
प्रकृति की कोख में स्थित मंदिर के आस-पास पशु-पक्षी, रमणीय नजारा देखने को मिलता है, यहां भक्तों समेत प्रकृति प्रेमी भी बड़ी संख्या में आते हैं।
अवश्य आएं देवताओं के ननिहाल सिद्धपुर में स्थित प्राचीन मोक्ष पीपल के दर्शन कर धन्यता का अनुभव करें।
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