किसी मुल्क का प्रधानमंत्री ही जब ये कहने लगे कि उसके पास मुल्क चलाने को पैसे नहीं हैं, तो आप सोचिए उस देश की आर्थिक स्थिति कैसी होगी. पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत ये हो गई है कि वहां के प्रधानमंत्री को सार्वजनिक कार्यक्रम में ऐसा कहना पड़ रहा है कि देश चलाने के लिए पैसे नहीं हैं, कर्ज बढ़ता जा रहा है, यानि दूसरे लफ्जों में कहें तो पाकिस्तान कंगाली की कगार पर खड़ा है.
दस सालों में चार गुणा बढ़ा कर्ज
इस्लामाबाद में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान(Imran Khan) ने कहा कि 2008 से 2018 के बीच चार गुणा कर्ज बढ़ा है. इसकी वजह ये है कि मुल्क को चलाने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं. इसके लिए उन्होंने लोगों के टैक्स न देने की गलत आदत और पिछली सरकारों के रवैये को जिम्मेदार ठहराया है.
‘आमदनी कम और खर्च ज्यादा हो तो सेविंग संभव नहीं’
इमरान खान(Imran Khan) ने कहा कि अगर अगर घर के अंदर आमदनी कम औऱ खर्च ज्यादा हो तो पैसा आप सेविंग नहीं कर सकते. ये हमारी लगातार समस्या रही है कि हमारा कोई टैक्स कल्चर कभी बना ही नहीं. लोग टैक्स चोरी करना कभी बुरी चीज नहीं समझते थे. मैंने विश्लेषण किया तो पता चला कि लोग समझते हैं कि टैक्स जमा होगा तो हमारे ऊपर ही खर्च होगा.
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ब्रिटेन के कल्चर का दिया उदाहरण
पिछली सरकारों ने कभी टैक्स कल्चर(Tax Culture) डेवलप नहीं होने दिया. लोग समझते थे कि उन्हें कोई हमारी फिक्र नहीं है. इंग्लैंड का पाकिस्तान से 50 गुणा ज्यादा जीडीपी है. वहां के मंत्री की लाइफस्टाइल देखें, उन्हें याद दिलाया जाता है कि आप आवाम का पैसा खर्च कर रहे हैं. वह जब बाहर ट्रैवल करते हैं तो उनके मंत्री को ऑर्डर है कि अगर 5 घंटे से कम का ट्रैवल है तो इकोनॉमी क्लास में जाएं.
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रिकॉर्ड कर्ज अदायगी का किया था दावा
पिछली सरकारों ने जरूरत से दस गुणा ज्यादा खर्च अपने ऐशो-आराम पर किए. इमरान खान(Imran Khan)का ये दावा तब सामने आया है जब उन्होंने कुछ समय पहले कहा था कि उनके शासनकाल में 20 अरब डॉलर विदेशी कर्ज की अदायगी की है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
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