Panna Bus Accident Case: देश में रोजाना हज़ारों सड़क हादसे होते है। लेकिन आज से करीब 6 साल पहले मध्य प्रदेश में हुए एक बस हादसे की कहानी सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। अब एक बार फिर अदालत के फैसले के बाद यह बस हादसा फिर से चर्चा में आ गया है। जिला कोर्ट ने हादसे में चालक को 190 साल और बस मालिक को दस साल कारावास की सजा का आदेश दिया है। शायद देश में अब तक किसी सड़क हादसे (Panna Bus Accident Case) में सुनाई गई यह सबसे बड़ी सजा है। चलिए हम आपको बताते है पन्ना बस हादसा की पूरी कहानी….
4 मई 2015 को हुआ था दर्दनाक हादसा:
मालुम हो 4 मई 2015 को छतरपुर से सतना के लिए 32 सीटों वाली ये बस 12 बजकर 40 पर रवाना हुई थी। लेकिन एक घंटे बाद ही यह बस पांडा फॉल के पास एक पुलिया से अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। बस के खाई में गिरते ही ही इसमें भयानक आग लग गई थी। यह हादसा इतना भयावह था कि इस बस से कुछ ही लोग बाहर निकल पाए थे, बाकी बस के अंदर 22 लोगों की जलकर मौत हो गई। तब प्रदेश के सीएम ने इस बस हादसे की जांच के आदेश दिए थे।
मृतकों की नहीं हो पाई थी पहचान:
इस हादसे की भयावह स्थिति का पता इसी बात से लगाया जा सकता था कि इसमें मृतकों की पहचान भी नहीं हो पाई थी। क्योंकि वे इतने जल गए थे कि उन्हें पहचानना मुश्किल था। ऐसे तब डीएनए टेस्ट से मृतकों की पहचान करने की बात समाने आई थी। पुलिस ने उस समय सभी एंगल से मामले की जांच की थी। उसके बाद बस मालिक और ड्राइवर पर पुलिस ने अपराधिक मामला दर्ज किया था। उस समय यह ड्राइवर बस को काफी तेजी से चला रहा था, जब अंदर बैठी सवारियों ने धीरे चलाने की बात कहीं तो भी नहीं माना था।
बस चालक को 190 साल का कारावास:
अब करीब इस हादसे के 6 साल बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में वर्ष 2015 में हुए दिल दहला देने वाले बस हादसा मामले में शुक्रवार को अदालत ने फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश ने बड़ा फैसला सुनाते बस चालक को 190 साल के कारावास की सजा सुनाई है। बस मालिक को भी 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ जुर्माने भी लगाया गया है।
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