प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक(Modi Cabinet Meeting) में तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के प्रस्ताव समेत दो अहम फैसलों पर मुहर लगी. कैबिनेट बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक सरकार ने बढ़ाने का फैसला लिया है, साथ ही कैबिनेट बैठक(PM Modi Cabinet Meeting) में कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की औपचारिकताएं पूरी की गईं.
अब मार्च 2021 तक गरीबों को मिलेगा अतिरिक्त अनाज
कैबिनेट बैठक(Cabinet Meeting)के बाद केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान मार्च 2020 में पीएम मोदी ने गरीबों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत गरीबों को 5 किलो गेहूं या चावल मिलता है. अब इस योजना को दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक बढ़ाए जाने का फैसला लिया गया है.
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योजना की अवधि बढ़ाने की की गई थी मांग
बता दें कि बीते दिनों ऐसी जानकारी सामने आई थी कि सरकार इस योजना को बढ़ाने के मूड में नहीं है. जिसे लेकर खूब हंगामा हुआ था. दिल्ली समेत कई राज्य सरकारों ने इसकी मांग की थी कि अभी कोरोना से बिगड़े हालात इतने ठीक नहीं हुए हैं कि गरीबों को दिया जाने वाला अतिरिक्त अनाज बंद कर दिया जाए.
कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव पर लगी मुहर
इसके अलावा अनुराग ठाकुर(Anurag Thakur) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिन तीन कृषि कानूनों को 19 नवंबर को वापस लिए जाने का ऐलान किया था आज बैठक में उन्हें वापस लिए जाने की औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं. अगले हफ्ते संसद सत्र में तीनों कानून वापस लिए जाएंगे. बता दें कि गुरु पर्व के अवसर पीएम मोदी ने कहा था कि शायद हम किसानों को इस कानून के बारे में नहीं समझा पाए, इसलिए इसे वापस ले रहे हैं, अब किसान घर लौट जाएं.
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पीएम मोदी की अपील के बाद भी घर नहीं लौटे किसान
हालांकि पीएम मोदी की अपील के बाद भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. किसान नेता राकेश टिकैत(Rakesh Tikait) का कहना है कि हमारी मांग सिर्फ कृषि कानून ही नहीं बल्कि और भी थी. सरकार एमएसएपी पर कानून बनाए और किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस ले. सरकार हमारी सारी मांगें पूरी करे फिर हम वापस लौट जाएंगे. संसद सत्र के दौरान किसानों ने संसद भवन तक ट्रैक्टर मार्च का भी ऐलान किया है.
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