प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) बुधवार, 13 अक्टूबर को ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ का शुभारंभ करेंगे। यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ता है, जो लगभग 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को गति देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यह घोषणा की। इसके तहत 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में कैबिनेट पूरी तरह से तैयार है और मंगलवार शाम तक इसे मंजूरी मिल सकती है।
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में आएगी तेजी
यह डिजिटल प्लेटफॉर्म इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के काम में तेजी लाने में मदद करेगा। यह मंच उद्योगों की दक्षता बढ़ाने, स्थानीय उत्पादकों को बढ़ावा देने में मदद करेगा। साथ ही उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के साथ-साथ भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में भी मदद करता है।
2014 में सत्ता में आने के बाद ही पीएम मोदी ने बेहतर समन्वय बनाने के लिए एक ही मंत्री को एक ही काम करने वाले कई मंत्रालयों को सौंपकर ‘सुपर मिनिस्टर्स’ का विचार पेश किया। लेकिन नौकरशाही व्यवस्था ऐसी है कि यह अलग-अलग स्लॉट में काम करती है। इसका मुकाबला करने के लिए, एक गतिज ऊर्जा योजना प्रस्तावित की गई थी। ताकि वर्ष 2024-25 तक सभी प्रमुख बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी लक्ष्यों को पूरा किया जा सके। एक प्रकार से यह कहा जा सकता है कि गतिशक्ति योजना ‘सरकारी कार्य संस्कृति’ को मौलिक रूप से बदलने का प्रयास है।
2024 का चुनाव जीतने में मिल सकती है मदद
इसका एक राजनीतिक लाभ भी है क्योंकि अगर गतिशीलता के कारण बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को जल्दी से पूरा किया जाता है, तो यह प्रधान मंत्री मोदी को 2024 में तीसरा कार्यकाल जीतने में मदद कर सकता है। मंच को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग संस्थान और बीआईएसएजी-एन द्वारा विकसित किया गया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) सभी परियोजनाओं की देखरेख करेगा।
परियोजनाओं का जायजा लेने के लिए राष्ट्रीय योजना समूह नियमित रूप से बैठक करेगा। किसी भी नई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मास्टर प्लान में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक मजबूत समूह (ईजीओएम) का गठन किया जाएगा।
सभी राज्यों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह
सभी राज्यों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया जाता है क्योंकि इससे देश भर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उचित कार्यान्वयन में मदद मिलेगी और लंबे समय में निजी क्षेत्र को प्लेटफॉर्म डेटा भी दिया जा सकता है। सड़क, रेलवे, दूरसंचार, तेल और गैस जैसे मंत्रालयों की परियोजनाएं मंच पर हैं, और कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालयों को अपने पार्कों की योजना बनाने में भी मदद कर सकती हैं।
फिलहाल सभी सरकारी विभाग अलग-अलग तरीके से काम कर रहे हैं। और यह परियोजनाओं के कार्यान्वयन में देरी करता है। साथ ही लागत भी बहुत अधिक है। और आम जनता को लक्ष्य से कम इसका लाभ मिलता है।
मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी प्लेटफॉर्म
गतिज ऊर्जा का अर्थ गति की गति है। यह मोदी सरकार का एक महत्वाकांक्षी और व्यापक भू-स्थानिक डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा, जिसके माध्यम से परियोजनाओं को एकीकृत रूप से नियोजित और कार्यान्वित किया जाएगा। प्रारंभ में इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार की परियोजनाओं में नए बदलाव लाए जाएंगे, बाद में इस प्रवृत्ति को नगर निगम के स्तर तक ले जाया जाएगा।
पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक केंद्रीय राष्ट्रीय मास्टर प्लान होगा। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे फ्रेट कॉरिडोर, गैस पाइपलाइन, हवाई अड्डे, विमानन, दवाओं का निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा निर्माण, औद्योगिक गलियारे आदि शामिल होंगे।
प्लान के तहत 16 मंत्रालयों की पहचान
शुरुआत में प्रधानमंत्री स्पीड पावर नेशनल मास्टर प्लान के तहत 16 मंत्रालयों की पहचान की गई है जो केवल बुनियादी ढांचे के विकास के साथ काम करते हैं या आर्थिक चालक के रूप में जाने जाते हैं। अंतर्निहित प्लॉट स्तर 3डी विज़ुअलाइज़ेशन मैपिंग कम लागत और उपयोगकर्ता के अनुकूल बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी, इसलिए कई राज्यों ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
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इसमें कई आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा जैसे भौगोलिक सूचना प्रणाली आधारित उद्यम संसाधन नियोजन, मार्ग नियोजन के लिए योजना, डैशबोर्ड आधारित आवधिक निगरानी और उपग्रह इमेजरी। इस डिजिटल सिस्टम में मंत्रालयों को अलग से लॉगइन आईडी दी जाएगी, जिसमें वे अपना डाटा नियमित रूप से अपडेट कर सकेंगे। यह सारा डेटा एक प्लेटफॉर्म पर इंटीग्रेट किया जाएगा।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एक एकीकृत मल्टीमॉडल नेटवर्क योजना समूह या एनपीजी का गठन किया जाएगा। जिसमें सभी विभागों के विशेषज्ञ या अधिकारी होंगे। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) इसकी नोडल एजेंसी होगी। इन परियोजनाओं के वित्तपोषण का तरीका वही रहेगा। परियोजनाओं की एक निश्चित राशि संबंधित मंत्रालयों द्वारा स्वीकृत की जाएगी। वित्त मंत्रालय द्वारा मध्य स्तर की परियोजनाएं और कैबिनेट द्वारा उच्च मूल्य वाली परियोजनाएं।
गतिशक्ति योजना के माध्यम से देश में UDAN के तहत क्षेत्रीय एकीकरण को तेज किया जाएगा। वर्ष 2024-25 तक हवाई अड्डों/हेलीपोर्टों/वाटर एयरोड्रोम की संख्या बढ़कर 220 हो जाएगी। जिसमें 109 नए एयरपोर्ट होंगे। इसमें देश में 51 हवाई पट्टियों का निर्माण, 18 नए प्रोजेक्ट, 12 वाटर एयरोड्रोम और 28 हेलीपोर्ट का निर्माण शामिल होगा।
इसी तरह, वर्ष 2024-25 तक एनएचएआई द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्गों को 2 लाख किमी की लंबाई तक बढ़ाया जाएगा। 2014 में यह केवल 91,000 किमी थी और नवंबर 2021 के अंत तक यह 1.3 लाख किमी हो जाएगी।
कार्गो हैंडलिंग क्षमता में होगा इजाफा
इससे रक्षा उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। लगभग 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में 2 रक्षा गलियारे बनाने की योजना है। नतीजतन, भारत लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादों का उत्पादन करेगा, जिसमें से लगभग 25 प्रतिशत का निर्यात किया जाएगा।
गति शक्ति योजना वर्ष 2024-25 तक देश में रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को मौजूदा 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1600 मीट्रिक टन कर देगी। इससे दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भी तेजी आएगी।
इसी तरह, सरकार की योजना 2024-25 तक देश के गैस पाइपलाइन नेटवर्क को दोगुना कर 34,500 किलोमीटर करने की है। 2027 तक हर राज्य को प्राकृतिक गैस पाइपलाइन से जोड़ने की सरकार की योजना में स्पीड पावर अहम भूमिका निभाएगी। सरकार की योजना गंगा नदी में 29 एमएमटी क्षमता और अन्य नदियों में 95 एमएमटी क्षमता का माल परिवहन करने की है। असम के तिनसुकिया जिले के वाराणसी से सादिया तक साल भर एक बड़ी नाव (नौका) चलाई जाएगी। इसी तरह, वर्ष 2024-25 तक बंदरगाहों से प्रति वर्ष 1,759 एमएमटी परिवहन का लक्ष्य है।
4 औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव
दूरसंचार विभाग की वर्ष 2024 तक 35 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाने की योजना है। इसी तरह, विद्युत मंत्रालय द्वारा ट्रांसमिशन नेटवर्क को 4.52 लाख किमी तक बढ़ाया जाएगा। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का लक्ष्य देश में लगभग 200 मेगा फूड पार्क बनाना, फिशिंग क्लस्टर्स को 202 तक बढ़ाना, 15 लाख करोड़ रुपये के टर्नओवर के साथ 38 इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाना, 90 टेक्सटाइल क्लस्टर और 110 फार्मा और मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाना है।
मास्टर प्लान के तहत 4 औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव है। ऐसा ही एक औद्योगिक गलियारा यूपी के दादरी, कर्नाटक के तुमुकुर और महाराष्ट्र के शेंद्रा बिडकिन में होगा। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 2024-25 तक देश भर में 11 औद्योगिक गलियारे बनाने की योजना है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार, 13 अक्टूबर को ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ का शुभारंभ करेंगे। यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ता है, जो लगभग 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को गति देगा।
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