Rajasthan Political Crisis: गुजरात-पंजाब का सियासी ड्रामा भले ही खत्म हो गया है। लेकिन एक और प्रदेश है जहां जल्द ही बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। जी हां, पंजाब में सीएम बदलाव के बाद राजस्थान में भी सियासी संग्राम (Rajasthan Political Crisis) देखने को मिल सकता है। अब कांग्रेस हाईकमान की नज़र राजस्थान कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह पर टिकी है। शायद उसी अंदरूनी खींचतान के चलते राजस्थान में हुए पंचायत चुनाव और जिला प्रमुख चुनाव में काफी नुकसान पार्टी उठाना पड़ा था। राजधानी जयपुर में तो ज्यादा सीटें जीतकर भी कांग्रेस अपना जिला प्रमुख नहीं बना पाई थी।
राजस्थान में जल्द हो सकता है कैबिनेट में फेरबदल:
हालांकि राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलाव होता नहीं नज़र नहीं आ रहा है। लेकिन संगठन और कैबिनेट में विस्तार संभव माना जा रहा है। अगर सीएम गहलोत की तबियत खराब नहीं होती तो शायद अभी तक कैबिनेट में फेरबदल होना संभव था। कांग्रेस आलाकमान बिल्कुल नहीं चाहता कि पंजाब जैसे हालात राजस्थान में बने इसलिए वह पहले ही मसले को सुलझा लेना चाहते है। सूत्रों की मानें तो कुछ दिनों पहले ही सचिन पायलट ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात भी थी।
बता दें पिछले करीब दो साल से राजस्थान कांग्रेस में अंतर्कलह देखने को मिल रही है। एक बार तो सरकार गिरने तक की नौबत भी आ गई थी। सचिन पायलट के साथ कई विधायक मानेसर चले गए थे। लेकिन फिर कई दिनों की समझाइश के बाद स्थिति सामान्य हो गई। लेकिन अब एक बार फिर कई महीनों से कांग्रेस दो खेमों में बंटी नजर आ रही है।
पायलट को फिर बनाया जा सकता है पीसीसी अध्यक्ष:
सचिन पायलट ने पार्टी की सत्ता वापसी में अहम भूमिका निभाई थी। पायलट का राजस्थान के युवाओं में काफी क्रेज देखने को मिलता है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो सचिन पायलट को आने वाले समय में राजस्थान के सीएम के रूप में कांग्रेस का सबसे मजबूत चेहरा माना जा रहा है। लेकिन अभी कांग्रेस आलाकमान पायलट को वापस कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे सकता है। जबकि पायलट कैंप के कई विधायकों को संगठन में अहम जिम्मेदारी के साथ मंत्री पद भी दिया जा सकता है।
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