12 लाख एकड़ की इस बंजर जमीन के (Little Rann Of Kutch) रण सरोवर (Rann Sarovar) में तब्दील होने से गुजरात के सौराष्ट्र, कच्छ समेत 11 जिलों को पानी की समस्या से निजात मिल सकती है. इसके अलावा अगर रण सरोवर प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलती है तो भारत में एशिया की सबसे बड़ी पानी की झील बनकर तैयार होगी. रण सरोवर प्रोजेक्ट ना सिर्फ गुजरात के 11 जिलों बल्कि पड़ोसी राज्य जैसे मध्यप्रदेश, राजस्थान तक भी पानी पहुंचा सकता है. 
दरअसल, गुजरात के लिटिल रण ऑफ कच्छ (Little Rann Of Kutch) में राजस्थान, नॉर्थ गुजरात, मध्य गुजरात और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों का पानी यहां से होकर समुद्र में जाता है अगर जय सुख भाई पटेल का रण सरोवर (Rann Sarovar) शुरु हो जाता है तो सबसे बड़े मीठे पानी का सरोवर इस जगह पर बन सकते हैं.
लिटिल रण ऑफ कच्छ 5 हजार स्वेयर किलोमीटर में फैला वो एरिया है. जो पूरी तरह से रेगिस्तान में बना हुआ है. यहां दूर- दूर तक भी कोई मानव बस्ती नहीं है.ये प्रोजेक्ट पानी के स्टोरेज सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भी कारगार साबित होगा.
मानवता की दृष्टि से ये प्रोजेक्ट गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के लोगों के लिए जीवनदान साबित हो सकता है. साथ ही रण सरोवर प्रोजेक्ट गुजरात के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. एक बंजर भूमि हरी-भरी जमीन बन जाए तो इससे विश्व फलक पर भारत का नाम एक बार फिर गौरव से लिया जाएगा.
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