जय सुख भाई ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि गुजरात के लिटिल रण ऑफ कच्छ(little rann of kutch) में की खेती करने वाले अगरिया सबसे पिछड़े हुए हैं, नमक की खेती करने वाले लोगों की इनकम प्रतिदिन 100 रुपए से भी कम है. उन्होंने बताया कैसे अगरिया मजदूर 50 साल से बुनियादी सुविधाओं के बिना अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं और नमक की खेती करने को मजबूर हैं. इस प्रोजेक्ट को अप्रूवल मिलने के बाद अगरिया मजदूरों की स्थितियों में होगा सुधार.साथ ही अगरिया लोगों के लिए आजीविका कमाने के लिए कई ऑप्शन खुलेंगे.
जय सुख भाई पटेल ने कहा कि रण सरोवर बनने से मत्स्य उद्योग भी बनेगा आजीविक का साधन. रण सरोवर बनने से अगरिया की प्रतिदिन की आय 600-700 रुपए हो जाएगी. जय सुख भाई पटेल ने इस प्रोजेक्ट की सरहाना करते हुए कई तरीकों से इसे गुजरात के लिए लाभकारी बताया.
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