ऐ मेरे वतन के लोगों(Ae Mere Watan Ke Logo) गाने पर आईटीबीपी(ITBP) के जवान ने सैक्सोफोन(Sexophone) बजाकर स्वर कोकिला लता मंगेशकर(RIP Lata Mangeshkar) को सुरीली श्रद्धांजलि दी. इस गाने का जिक्र होते ही लोगों के रग-रग में देशभक्ति की भावना जाग उठती है और जेहन में लता दीदी की सुरीली आवाज के साथ-साथ उनकी तस्वीर उभर आती है. आज जब 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने दुनिया को अलविदा कहा तो सबकी आंखें नम हो उठी, हर कोई उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दे रहा है.
आईटीबीपी ने ट्वीट किया वीडियो
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान ने अपने अंदाज में श्रद्धांजलि अर्पित की है. आईटीबीपी ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस वीडियो को ट्वीट कर लिखा है कि स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर(Lata Mangeshkar) को कॉन्स्टेबल मुजम्मल हक, आईटीबीपी की भावभीनी श्रद्धांजलि. 2 मिनट 19 सेकंड के इस वीडियो पर लोगों की भी खूब प्रतिक्रिया सामने आ रही है, लोग आईटीबीपी के जवान की तारीफ करते दिख रहे हैं.
ए मेरे वतन के लोगों…
स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर को कांस्टेबल मुजम्मल हक़, आईटीबीपी की भावभीनी श्रद्धांजलि।
Ae Mere Watan Ke Logon…
Constable Mujammal Haque of ITBP pays tribute to Swar Kokila Bharat Ratna Lata Mangeshkar.#LataMangeshkar pic.twitter.com/PKUfc47jK4
— ITBP (@ITBP_official) February 6, 2022
नेहरू जी की आंखों से छलक पड़े थे आंसू
बता दें कि कुछ दिनों पहले आईटीबीपी के जवान मुजम्मल हक(Constable Mujammal Huque) ने ऐसे सैक्सफोन बजाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी, जो वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. जहां तक ऐ मेरे वतन(Ae Mere Watan Ke Logo) के लोगों की बात है तो लता दीदी ने जब ये गाना गाया था तो कहते हैं कि उस वक्त के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के आंखों से भी आंसू झलक पड़े थे. ये अजीब इत्तेफाक है कि आज ऐ मेरे वतन का गाना लिखने(Ae Mere Watan Ke Logo Lyrics) वाले राष्ट्रकवि प्रदीप(Pradeep) की आज जयंती है.
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26 जनवरी 1963 को हुआ था लाइव प्रसारण
राष्ट्रकवि प्रदीप ने 83 साल की उम्र में साल 1998 में दुनिया को अलविदा कहा था. साल 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रदीप ने इस गीत(Ae Mere Watan Ke Logo) को लिखा था. जिसका लाइव प्रसारण 26 जनवरी 1963 को दिल्ली के रामलीला मैदान में किया गया था, जहां तब के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू(Pandit Nehru) भी मौजूद थे और उन्होंने उसके बाद लता मंगेशकर से मुलाकात की थी. इस गाने के बाद लता मंगेशकर(Lata Mangeshkar) ने गायन के क्षेत्र में स्वर कोकिला तक का सफर तय किया. अब जब उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया तो लोग उनके गाने(Ae Mere Watan Ke Logo) के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं, उन्हें याद कर रहे हैं.
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