रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध(Russia-Ukraine War) में मंगलवार को एक भारतीय छात्र की जान चली गई. कर्नाटक के रहने वाले नवीन शेखरप्पा(Naveen Shekharappa) की मौत के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर है तो वहीं एक न्यूज एजेंसी को नवीन के पिता ने ये कहा कि 97 प्रतिशत लाकर भी उनका बेटा इंडिया में मेडिकल सीट नहीं पा सका था. इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी(Pralhad Joshi) ने यूक्रेन से वापस आ रहे छात्रों को लेकर जो बयान दिया है, वह भी काफी चर्चा में है.
97 प्रतिशत लाकर भी नहीं मिली थी सीट
यूक्रेन(Ukraine) के खारकीव शहर में गोलीबारी का शिकार हुए नवीन के पिता ज्ञानगौदर ने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि भारत में मेडिकल सीट के करोड़ों रुपये देने पड़ते हैं, इसी वजह से उनके बेटे को यूक्रेन जाकर पढ़ना पड़ा. उन्होंने कहा कि इंडिया में डोनेशन की स्थिति बहुत खराब है, यहां के नेताओं से अपील है कि वह इस बात पर जरूर ध्यान दें. यहां जाति के हिसाब से लोगों को एडमिशन मिलता है, यही वजह है कि इंटेलिजेंट स्टूडेंट को भी विदेश पढ़ने जाना पड़ता है, वहां कम पैसे में यहां से अच्छी शिक्षा मिल जाती है.
Despite scoring 97% in PUC, my son could not secure a medical seat in State. To get a medical seat one has to give crores of rupees&students are getting same education abroad spending less money, says father of Naveen Shekharappa, an Indian student who died in shelling in Ukraine pic.twitter.com/wXqArRW9eq
— ANI (@ANI) March 1, 2022
यूक्रेन से लौटे छात्र क्या कम टैलेंटेड हैं
नवीन के पिता के इस बयान के बाद केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के उस बयान की चर्चा भी खूब हो रही है, जिसमें उन्होंने यूक्रेन से वापस आने वाले छात्रों को कम टैलेंटेड करार दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन में फंसे छात्रों को वापस लाए जाने के अभियान के बारे में बोलते हुए जोशी ने कहा कि ये समय इस बात पर चर्चा करने के लिए नहीं है कि वहां छात्र क्यों जाते हैं. जो छात्र यूक्रेन से वापस आए हैं, उनमें से 90 प्रतिशत छात्र भारत में होने वाली मेडिकल की परीक्षा को पास ही नहीं कर पाते.
सस्ती पढ़ाई खींच ले जाती है यूक्रेन
खैर केन्द्रीय मंत्री चाहे कुछ भी कहें, वहां जाने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स(Medical Students) की ओर से जो जानकारी अब तक सामने आई है, उसके मुताबिक तो यही सच लगता है कि वहां जिस मेडिकल की पढ़ाई छात्र 25-30 लाख रुपये में कर लेते हैं, उसकी पढ़ाई इंडिया में करने में उनको करोड़ों रुपये लग जाते हैं. इसके अलावा विदेश की डिग्री की वैल्यू भी ज्यादा मानी जाती है.
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ऐसे में यूक्रेन के कई शहरों में रहकर हजारों भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करते हैं. अब युद्ध के समय में वहां फंसे छात्रों को निकालने के लिए सरकार ऑपरेशन गंगा(Operation Ganga) चला रही है तो वहीं आज से पीएम मोदी(PM Modi) के आदेश पर वायुसेना(Indian Air Force) भी इस ऑपरेशन से जुड़ गई है, ताकि रूस यूक्रेन पर(Russia-Ukraine War) जिस कदर तबाही मचा रहा है, उससे पहले वहां से लोगों को निकाला जा सके.
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