पाकिस्तान के तालिबान प्रेम की वजह से सार्क (SAARC) देशों की बैठक रद्द कर दी गई है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान तालिबान को सार्क देशों की बैठक में शामिल करना चाहता था, जिस पर कई देशों को आपत्ति थी, आखिरकार बैठक रद्द कर दी गई.
बता दें कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय संगठन (SAARC) देशों की बैठक 25 सितंबर को होने वाली थी. जिसमें सभी देशों के विदेश मंत्री हिस्सा लेने वाले थे. ऐसे में सवाल ये था कि अफगानिस्तान के प्रतिनिधि के तौर पर किसे शामिल किया जाए, पाकिस्तान चाहता था कि तालिबानी नेता को अफगानिस्तान के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल किया जाए लेकिन सार्क देशों के सदस्य इस बात को मानने को तैयार नहीं थे. आखिरकार बैठक रद्द करनी पड़ी. ख़बर है कि सार्क (SAARC) देशों के सदस्य अफगानिस्तान की कुर्सी खाली रखना चाहते थे.
SAARC foreign ministers meet 'cancelled'
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— ANI Digital (@ani_digital) September 21, 2021
अफगानिस्तान समेत 8 देश हैं शामिल
बता दें कि SAARC का पूरा साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रिजनल को-ऑपरेशन है. जिसका गठन साल 1985 में हुआ था, सार्क देशों का उद्देश्य दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग को विकसित करना है, इसमें अफगानिस्तान समेत भारत, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं. लेकिन फिलहाल अफगानिस्तान में तालिबानियों का राज आने से पूरी दुनिया के सामने एक असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई है. भारत समेत दुनिया के कई देशों ने अभी तालिबान की सरकार को मान्यता नहीं दी है, जिसका मतलब ये है कि सभी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं.
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पाकिस्तान का शुरू से ही दिख रहा तालिबान प्रेम
हैरानी की बात तो यह है कि अमेरिका जैसे देश ने जिसे आतंकी घोषित कर रखा है, उसे तालिबानियों ने अपने सरकार में मंत्री बनाया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में भी साफ कर दिया है कि चरमपंथ का नतीजा अफगानिस्तान में सामने देखने को मिला है. इसलिए इस मसले पर दुनिया को सोच-समझकर फैसला लेने की जरूरत है. वहीं पाकिस्तान की बात करें तो शुरू से ही पाकिस्तान तालिबानियों को साथ देता दिख रहा है.
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